अनुप्रिया पटेल ने पत्र में कहा है कि अन्य पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से आने वाले अभ्यर्थी भी इन परीक्षाओं के लिए न्यूनतम अर्हता की परीक्षा अपनी योग्यता के आधार पर ही पास करते हैं।
यूपी में ओबीसी एससी-एसटी के साथ नियुक्ति में भेदभाव, अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को लिखा पत्र
Jun 28, 2024 18:41
Jun 28, 2024 18:41
- एनडीए के सहयोगी अपना दल(सोनेलाल) की अध्यक्ष हैं अनुप्रिया पटेल
- ओबीसी एससी-एसटी नियुक्तियों को लेकर उठाए सवाल
भेदभाव की शिकायत
केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने अपने पत्र में कहा है कि विगत वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, सैनिक स्कूल एवं नीट की प्रवेश परीक्षा में पिछड़े वर्ग से आने वाले छात्रों को आरक्षण देने का ऐतिहासिक कदम उठाया है। सरकार की ये पहल भविष्य में पिछड़े वर्ग से आने वाले छात्रों के उज्जवल भविष्य में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी। उन्होंने कहा कि वहीं उत्तर प्रदेश में पिछड़े वर्ग और अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से आने वाले अभ्यर्थियों की ओर से लगातार भेदभाव की शिकायत की जा रही है।
पद के योग्य नहीं बताया जा रहा अभ्यर्थियों को
अनुप्रिया पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से आयोजित की जाने वाली सिर्फ साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया वाली विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में अन्य पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग के लिए आरक्षित पदों पर इस वर्ग के अभ्यर्थी को आमतौर पर यह कहकर छांट दिया जाता है कि वह 'नॉट फाउंड सूटेबल' यानी पद के योग्य नहीं हैं। बाद में इन पदों को अनारक्षित घोषित कर दिया जाता है।
योग्यता के पैमाने पर खरे हैं ओबीसी एससी-एसटी अभ्यर्थी
अनुप्रिया पटेल ने पत्र में कहा है कि आप भी सहमत होंगे कि अन्य पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से आने वाले अभ्यर्थी भी इन परीक्षाओं के लिए न्यूनतम अर्हता की परीक्षा अपनी योग्यता के आधार पर ही पास करते हैं। अपनी योग्यता के आधार पर ही ये अभ्यर्थी इन साक्षात्कार आधारित परीक्षाओं के लिए अर्ह पाए जाते हैं। ऐसे में अन्य पिछड़े वर्ग एवं अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग से आने वाले अभ्यर्थियों को बार-बार 'नॉट फाउंड सूटेबल'घोषित करके उनको नियुक्ति हेतु सफल ना पाया जाना समझ के परे है।
आरक्षित पदों पर उसी वर्ग के अभ्यर्थी को मिले नौकरी
अनुप्रिया पटेल ने कहा है ऐसे पदों को अनारक्षित घोषित करने की व्यवस्था पर तत्काल रोक लगाने के लिए प्रभावी कदम उठाने की अपील की है, जिससे इन वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियों में उत्पन्न हो रहे आक्रोश को रोका जा सके। उन्होंने यह भी अनुरोध किया कि सिर्फ साक्षात्कार आधारित नियुक्ति प्रक्रिया भले ही कई बार में पूरी करनी पड़े। लेकिन, इसे इन्हीं वर्गों से आने वाले अभ्यर्थियों के जरिए भरा जाए।
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