Lucknow News : जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत पर फर्जीवाड़े का शिकंजा, करोड़ों के गबन में दोषी, कुर्सी पर मंडराया खतरा

जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत पर फर्जीवाड़े का शिकंजा, करोड़ों के गबन में दोषी, कुर्सी पर मंडराया खतरा
UPT | प्रतीकात्मक तस्वीर

Nov 28, 2024 13:00

यह जांच गोसाईंगंज की जिला पंचायत सदस्य नीतू रावत की लिखित शिकायत पर शुरू हुई। नीतू ने शपथ पत्र में दावा किया था कि आरती रावत ने सरकारी धन का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित की है। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और जांच कर पूरी रिपोर्ट शासन को सौंप दी।

Nov 28, 2024 13:00

Lucknow News : लखनऊ के जिला पंचायत अध्यक्ष आरती रावत पर लगे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों की पुष्टि जांच में हो चुकी है। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में करोड़ों रुपये के गबन और अकूत संपत्ति अर्जित करने के आरोप सही पाए हैं। अब इस मामले में शासन स्तर पर सख्त कार्रवाई किए जाने की संभावना है।

पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष भी जांच के दायरे में
आरती रावत को लेकर शासन को जांच रिपोर्ट भेजी गई है। इसके बाद आरती रावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो सकती है। उनके पद पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। यह मामला केवल जिला पंचायत अध्यक्ष तक सीमित नहीं है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विजय बहादुर और उनकी पत्नी माया देवी भी जांच के दायरे में आ गए हैं।



शिकायत से शुरू हुई जांच
यह जांच गोसाईंगंज की जिला पंचायत सदस्य नीतू रावत की लिखित शिकायत पर शुरू हुई। नीतू ने शपथ पत्र में दावा किया था कि आरती रावत ने सरकारी धन का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित की है। डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने इस शिकायत को गंभीरता से लिया और जांच कर पूरी रिपोर्ट शासन को सौंप दी।

पहले से कराए काम के नाम पर सरकारी धन हड़पा
सूत्रों के अनुसार, जांच में सामने आया कि जिला पंचायत ने कई विकास कार्यों को लेकर फर्जी दावे किए। जो काम पहले से ही क्षेत्र पंचायत द्वारा किए गए थे, उन्हें भी जिला पंचायत द्वारा करवाने का दावा कर सरकारी धन हड़प लिया गया। कई ऐसे कार्यों का भी भुगतान कराया गया, जो कभी हुए ही नहीं थे।

घटिया निर्माण कार्य का पर्दाफाश
जांच के दौरान जिला पंचायत द्वारा कराए गए निर्माण कार्यों की गुणवत्ता की भी जांच की गई। इनमें से कई काम बेहद घटिया पाए गए। चंद महीनों में ही सड़कें उखड़ गईं और अन्य निर्माण कार्य खराब हो गए। यह भी सामने आया कि आनन-फानन में काम करवाकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने की कोशिश की गई थी।

प्रॉपर्टी डीलरों और ठेकेदारों की मिलीभगत
इस गबन में प्रॉपर्टी डीलरों और ठेकेदारों की मिलीभगत भी उजागर हुई। सरकारी धन का दुरुपयोग कर शहरी क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण किया गया। साथ ही, पांच हजार बीघे का मानचित्र स्वीकृत कराने जैसे कई फर्जीवाड़े भी जांच में सामने आए।

भाजपा ने किया किनारा, बताई ये वजह
आरती रावत ने भाजपा के समर्थन से चुनाव लड़ा था और सपा समर्थित विजय लक्ष्मी को हराया था। हालांकि, भाजपा जिला अध्यक्ष विनय प्रताप सिंह का कहना है कि लोकसभा चुनाव के दौरान अनुशासनहीनता के कारण पार्टी ने आरती रावत से दूरी बना ली थी। उन्होंने कहा, "भाजपा किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार का समर्थन नहीं करती।

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