संभल हिंसा के बीच अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी सियासत गरमाई : चंद्रशेखर आजाद बोले- देश को नफरत की आग में झोंकने का हो रहा षड्यंत्र

चंद्रशेखर आजाद बोले- देश को नफरत की आग में झोंकने का हो रहा षड्यंत्र
UPT | सांसद चंद्रशेखर आजाद

Nov 28, 2024 15:08

संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद अब राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी सियासी विवाद गरमाया हुआ है। दरगाह को मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है...

Nov 28, 2024 15:08

Lucknow News : संभल में हाल ही में हुई हिंसा के बाद अब राजस्थान के अजमेर शरीफ दरगाह को लेकर भी सियासी विवाद गरमाया हुआ है। दरगाह को मंदिर बताने वाली याचिका को निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया है, जिससे राजस्थान और उत्तर प्रदेश के सियासी माहौल में हलचल मच गई है। आजाद समाज पार्टी के नेता और नगीना सीट से सांसद चंद्रशेखर आजाद ने इस मामले को लेकर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस विवाद के जरिए देश में नफरत की आग फैलाने की साजिश की जा रही है।

संविधान की उड़ाई जा रही हैं धज्जियां
चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए भारतीय जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक ताकतों को निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि यह बेहद शर्मनाक है कि हिंदुत्व के एजेंडे को पूरा करने के लिए संविधान और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उनका आरोप है कि यह साजिश उन लोगों की सरपरस्ती में चल रही है, जो खुद को संविधान का भक्त बताते हुए उसकी रक्षा का दावा करते हैं। उन्होंने कहा कि यह खतरनाक और नफरत फैलाने वाली साजिश है, जो देश की सामाजिक ताने-बाने को तोड़ने की कोशिश कर रही है। अजमेर शरीफ दरगाह न केवल मुस्लिम समुदाय के लिए, बल्कि हिंदू, सिख और अन्य समुदायों के लिए भी एक धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व रखती है। इन ताकतों का उद्देश्य सिर्फ समाज को बांटना और नफरत फैलाना है, जबकि देश की एकता और भाईचारे की परंपरा को कमजोर करना है।



न्याय की लड़ाई कोर्ट,संसद से लेकर सड़क तक लड़ेंगे
आजाद ने 1991 के पूजा स्थल कानून का भी उल्लेख करते हुए कहा कि इस कानून के तहत 15 अगस्त 1947 के बाद किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा कि यह कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि इन मामलों में कोई कानूनी सुनवाई नहीं की जा सकती लेकिन कुछ राजनीतिक दल और धार्मिक संगठन इस कानून की अवहेलना कर रहे हैं। चंद्रशेखर आजाद ने अपनी पार्टी की ओर से सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया कि वह इस मामले में हस्तक्षेप करे और 1991 के पूजा स्थल कानून की रक्षा करे। उन्होंने कहा कि  यह जरूरी है कि हम इस तरह के विवादों को तुरंत खत्म करें और सुनिश्चित करें कि देश में कोई भी वर्ग दूसरे वर्ग के खिलाफ नफरत फैलाने की कोशिश न करे। हम न्याय की लड़ाई हर जगह लड़ेंगे, चाहे वह कोर्ट हो, सड़क हो या संसद।

याचिका पर  20 दिसंबर को होगी सुनवाई
अजमेर शरीफ दरगाह को मंदिर बताने वाली याचिका को लेकर अदालत ने सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की है। याचिका को हिंदू सेना के विष्णु गुप्ता ने दायर किया था, जिसमें दरगाह को हिंदू मंदिर के रूप में बदलने की मांग की गई थी। इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी और सियासी आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज हो गया है, जिससे देश में धार्मिक सौहार्द की स्थिति को लेकर चिंता बढ़ गई है इस पर चंद्रशेखर आजाद ने कहा है कि देश को नफरत की आग में झोंकने का जो प्रयास हो रहा है, उसे हर हाल में विफल करना होगा। हम सभी को मिलकर इसके खिलाफ खड़ा होना होगा, ताकि देश में भाईचारा और शांति बनी रहे।

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