सर्वे शुरू होने के बाद क्षेत्र के लोगों ने अपने मकानों और दुकानों के तोड़े जाने की आशंका जताई। कई निवासियों ने एलडीए वीसी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनके निर्माण को बचाया जाए। इन निवासियों का कहना है कि उनके मकान एलडीए के अधिकार क्षेत्र में आने से पहले ही बने थे।
Lucknow News : अयोध्या हाईवे पर ट्रैफिक जाम से मिलेगी राहत, पॉलीटेक्निक चौराहे से इंदिरा नहर तक बनेगी एलिवेटेड रोड
Nov 28, 2024 19:20
Nov 28, 2024 19:20
सेतु निगम कर सकता है एलिवेटेड रोड का निर्माण
अयोध्या रोड का नहर तक का हिस्सा हाल ही में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) को सौंपा है। हालांकि, एलिवेटेड रोड का निर्माण पीडब्ल्यूडी नहीं करेगा। यह कार्य उत्तर प्रदेश सेतु निगम को सौंपे जाने की संभावना है, क्योंकि सेतु निगम ऐसी परियोजनाओं में विशेषज्ञता रखता है। यह एलिवेटेड रोड पॉलीटेक्निक चौराहे से शुरू होकर इंदिरा नहर तक लगभग 8-10 किमी लंबी होगी। इससे अयोध्या हाईवे पर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रियों को जाम से राहत मिलेगी। परियोजना के पूरा होने पर न केवल समय की बचत होगी, बल्कि हाईवे पर यातायात प्रबंधन भी बेहतर होगा।
सर्वे के दौरान निर्माण टूटने का डर
अयोध्या रोड पर सड़क की चौड़ाई अलग-अलग स्थानों पर भिन्न है। पॉलीटेक्निक से कमता तक सड़क की चौड़ाई 40 मीटर है, जबकि कुछ जगहों पर यह 60-70 मीटर और अनौरा कला गांव के पास 100 मीटर तक चौड़ी बताई गई है। मास्टर प्लान में सड़क के दोनों ओर 50-50 मीटर ग्रीन बेल्ट का भी प्रावधान है। हालांकि, मौके पर सड़क 100 मीटर चौड़ी नहीं है, जिसके कारण लोगों ने सड़क किनारे मकान और दुकानें बना ली हैं। सर्वे शुरू होने के बाद लोगों में डर है कि उनके निर्माण तोड़े जा सकते हैं। कुछ लोगों ने एलडीए को पत्र लिखकर अपील की है कि उनके निर्माण वैध हैं और वे एलडीए की सीमा में आने से पहले बनाए गए थे।
एलडीए बोला- निर्माण को तोड़ने की योजना नहीं, हाईकोर्ट का सख्त निर्देश
एलडीए के मुख्य अभियंता अवनींद्र सिंह ने साफ किया है कि फिलहाल किसी के निर्माण को तोड़ने की योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि एलिवेटेड रोड का निर्माण सड़कों के मध्य में होता है। एलडीए इस परियोजना के लिए विशेषज्ञ संस्था नहीं है, इसलिए निर्माण का कार्य किसी अन्य एजेंसी को सौंपा जाएगा। हाल ही में हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने अयोध्या रोड पर जाम की समस्या को लेकर कड़ा रुख अपनाया। अदालत ने एलडीए को निर्देश दिया कि ट्रैफिक की समस्या को सुलझाने के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएं। एलिवेटेड रोड बनाने का निर्णय इसी के तहत लिया गया है।
स्थानीय निवासियों की चिंता
सर्वे शुरू होने के बाद क्षेत्र के लोगों ने अपने मकानों और दुकानों के तोड़े जाने की आशंका जताई। कई निवासियों ने एलडीए वीसी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि उनके निर्माण को बचाया जाए। इन निवासियों का कहना है कि उनके मकान एलडीए के अधिकार क्षेत्र में आने से पहले ही बने थे।
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