हत्यारोपी को आजीवन कारावास व 35 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है। कोर्ट से करीब 11 साल बाद मृतक तारावती की आत्मा को न्याय मिला है।
Meerut News : 11 साल बाद तारावती को मिला न्याय, कोर्ट ने हत्यारोपी को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
Nov 28, 2024 21:14
Nov 28, 2024 21:14
- ऑपरेशन कन्विक्शन अभियान के तहत पुलिस ने की पैरवी
- 13 मार्च 2013 में तारावती की गोली मारकर की थी हत्या
- नोडल अधिकारी मॉनिटरिंग सेल की देखरेख में कोर्ट में पैरवी
ये था मामला
दिनांक 13 मार्च 2013 को वादी मुकदमा विजय सिंह पुत्र अजीत सिंह निवासी सैक्टर 11 विजयनगर थाना विजयनगर जनपद गाजियाबाद द्वारा थाना मवाना पर सूचना दी गयी थी कि वादी की बहन तारावती की अभियुक्तगण विपिन उर्फ सोनू पुत्र हरवीर सिंह निवासी जोनमाड़ा थाना बड़ौत जनपद बागपत, हाल पता चौड़ा कुआं मौहल्ला काबली गेट कस्बा व थाना मवाना जनपद मेरठ, आंचल उर्फ रश्मि पत्नि परवेन्द्र निवासी मौहम्मदपुर शकिस्त थाना बहसूमा जनपद मेरठ और शिमला देवी पत्नी हरवीर सिंह निवासी जोनमाड़ा थाना बड़ौत जनपद बागपत हाल पता चौड़ा कुआं मौहल्ला काबली गेट कस्बा व थाना मवाना जनपद मेरठ द्वारा एक राय होकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस संबंध में थाना मवाना में मुकदमा पंजीकृत किया गया था।
जघन्य अपराध की श्रेणी में चिन्हित करते हुए एसएसपी मेरठ के निर्देशन
अभियोग में आरोपी विपिन उर्फ सोनू, आंचल उर्फ रश्मि को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। शिमला देवी उपरोक्त को दिनांक 04.05.2013 को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। अभियुक्तगण उपरोक्त के विरुद्ध दिनांक 23.05.2013 को आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया गया था। अभियोग को जनपद स्तर पर घटित जघन्य अपराध की श्रेणी में चिन्हित करते हुए एसएसपी मेरठ के निर्देशन व अपर पुलिस अधीक्षक अपराध/नोडल अधिकारी मॉनिटरिंग सेल के निकट पर्यवेक्षण में अभियोग मे मॉनिटरिंग सेल एवं का0 2750 प्रमोद कुमार कोर्ट पैरोकार थाना मवाना द्वारा न्यायलय में प्रभावी पैरवी की गयी।
अभियोजन विभाग से साक्षियों का साक्ष्य एकत्र
अभियोजन विभाग से साक्षियों का साक्ष्य एकत्र कराकर प्रभावी पैरवी किये जाने के फलस्वरूप आज 28.11.2024 को न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश-5 महोदय जनपद मेरठ द्वारा अभियुक्त विपिन उर्फ सोनू पुत्र हरवीर सिंह निवासी जोनमाड़ा थाना बड़ौत जनपद बागपत हाल पता चौड़ा कुआं मौहल्ला काबली गेट कस्बा व थाना मवाना जनपद मेरठ को आजीवन कारावास व 35 हजार रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।