संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) के डॉक्टरों ने दुर्लभ बीमारी पेल्विक लिपोमैटोसिस की रोबोटिक सर्जरी करके एक युवक की जान बचाई है।
Health News : एसजीपीजीआई में पहली बार रोबोट ने हटाया मूत्राशय में जमा फैट
Jul 14, 2024 03:09
Jul 14, 2024 03:09
- दा विंची एक्सआई रोबोट से की गई विश्व की यह पहली सर्जरी
- सर्जरी में आर्गन को किसी तरह का नुकसान नहीं
खराब होने लगे थे मरीज के गुर्दे
यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉ. उदय प्रताप सिंह ने बताया कि 24 वर्षीय युवक पेशाब में रुकावट और दर्द के साथ ओपीडी में आया। जांच में दुर्लभ बीमारी पेल्विक लिपोमैटोसिस का पता चला। रोगी क पेल्विक क्षेत्र में वसा (फैट) जरुरत से ज्यादा जमा था। इस स्थिति के कारण मूत्राशय की क्षमता बहुत कम हो गई थी और रूकावट के कारण दोनों गुर्दे खराब होने लगे थे। ऐसी स्थिति में उन्नत दा विंची एक्सआई रोबोटिक प्रणाली से दोनों मूत्र नली को फिर से जोड़ने के साथ औगमेंटशन सिस्टोप्लास्टी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के बाद मरीज की रिकवरी तेजी से हो रही है। मूत्राशय और गुर्दे की कार्यप्रणाली में सुधार हुआ है। इस दुर्लभ बीमारी के मामले में दुनिया की पहली रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की है। संस्थान के निदेशक प्रो. आरके धीमन ने इस उपलब्धि के लिये पूरी टीम को बधाई दी है।
क्या है पेल्विक लिपोमैटोसिस : पेल्विक लिपोमैटोसिस एक दुर्लभ बीमारी है। जिसमें पेल्विक में अत्यधिक वसा जमा हो जाता है। इससे कई जटिलताएं हो सकती हैं।
मूत्राशय सिकुड़ना : वसा के बढ़ने से मूत्राशय संकुचित हो सकता है, जिससे इसकी क्षमता कम हो सकती है और बार-बार पेशाब आना, अत्यावश्यकता और असंयम जैसे मूत्र संबंधी लक्षण हो सकते हैं।
मूत्र वाहिनी रूकावट : वसायुक्त ऊतक मूत्रवाहिनी पर भी दबाव डाल सकता है, जिससे हाइड्रोयूरेटेरोनेफ्रोसिस हो सकता है। इस स्थिति में मूत्र के जमाव के कारण मूत्रवाहिनी और गुर्दे में सूजन आ जाती है, जिससे दर्द और संभावित गुर्दे की क्षति हो सकती है।
आंत संबंधी लक्षण : कुछ मामलों में, वसा युक्त जमाव आंत के कार्य को प्रभावित कर सकता है, जिससे कब्ज या अन्य पेट संबंधी लक्षण हो सकते हैं।
रोबोटिक सर्जरी के लाभ
रोबोटिक सर्जरी पारंपरिक ओपन या लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की तुलना में कई लाभ प्रदान करती है। खासकर इस तरह के जटिल मामलों में रोबोटिक प्रणाली से सर्जन को बढ़ी हुई सटीकता, और नियंत्रण प्रदान करती हैं जिससे रोगी के लिए बेहतर परिणाम मिलते हैं। बड़े चीरे की जगह छोटे छिद्र के परिणामस्वरूप रक्त की हानि कम होती है। संक्रमण का जोखिम कम होता है और ऑपरेशन के बाद दर्द कम और शीघ्र रिकवरी होती है।
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