उत्तर प्रदेश में मायावती की सरकार के दौरान महापुरुषों के नाम पर बनाए गए स्मारकों और पार्कों के निर्माण में हुए घोटाले की जांच में पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह सहयोग नहीं कर रहे हैं। उन्हें जब भी पूछताछ के लिए बुलाया गया, वह उपस्थित नहीं हुए...
विजिलेंस के सामने नहीं पेश हो रहे मोहिंदर सिंह : स्मारक घोटाला मामले में टाल रहे जांच, भेजा जाएगा एक और नोटिस...
Nov 21, 2024 14:47
Nov 21, 2024 14:47
पिछले महीने भी नहीं हुए थे पेश
पिछले महीने भी विजिलेंस ने मोहिन्दर सिंह को तलब किया था, लेकिन वह उस समय भी पेश नहीं हुए थे। इस बार उन्होंने बीमारी का बहाना बनाकर जांच में शामिल होने से मना किया है। हालांकि, अब तक वह ईडी के सामने तीन बार पेश हो चुके हैं। विजिलेंस विभाग के अधिकारियों को शक है कि मोहिन्दर सिंह जांच से बचने के लिए जानबूझकर टालमटोल कर रहे हैं। विजिलेंस अधिकारियों का कहना है कि उन्हें एक और नोटिस भेजा जाएगा और इसके बाद उनके खिलाफ आरोप पत्र में नाम शामिल करने के लिए विधिक सलाह ली जाएगी।
मोहिन्दर सिंह की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
बता दें कि स्मारकों के निर्माण के लिए जो हाई पावर कमेटी बनाई गई थी, उसमें आईएएस मोहिन्दर सिंह भी शामिल थे। मोहिन्दर सिंह को नसीमुद्दीन सिद्दीकी का करीबी माना जाता था, और स्मारकों के निर्माण के दौरान जो भी नीतिगत फैसले लिए गए, उनमें मोहिन्दर सिंह और नसीमुद्दीन सिद्दीकी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। इस मामले में इन दोनों की भूमिका की जांच की जा रही है। अब तक इस प्रकरण में मोहिन्दर सिंह का बयान लेना बाकी है। जानकारी के मुताबिक यदि वह बयान नहीं देते तो विजिलेंस अपनी जांच को आगे बढ़ाने के लिए कदम उठा सकती है, जिससे मोहिन्दर सिंह के लिए नई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं।
यह है स्मारक घोटाला
साल 2007-2011 के दौरान उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और नोएडा में बनाए गए स्मारक और पार्कों के निर्माण और इस कार्य से जुड़े अन्य कार्यों में प्रयोग किए गए सैंडस्टोन की खरीद-फरोख्त में अरबों रुपये का घोटाला हुआ था। इन स्मारकों में अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल, मान्यवर कांशीराम स्मारक स्थल, गौतम बु़द्ध उपवन, ईको गार्डन व नोएडा का अंबेडकर पार्क शामिल था। इसके लिए 42 अरब 76 करोड़ 83 लाख 43 हजार का बजट आवंटित हुआ था। जिसमें 41 अरब 48 करोड़ 54 लाख 80 हजार की धनराशि खर्च की गई थी।
ईडी के निशाने पर भी मोहिन्दर सिंह
उत्तर प्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह के घर पर ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने छापेमारी के दौरान 12 करोड़ रुपये का हीरा बरामद किया। ईडी ने मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित घर समेत उनके कई अन्य ठिकानों पर भी छापेमारी की और लाखों रुपये नकद जब्त किए। इसके अलावा, ईडी ने 7 करोड़ रुपये का सोना भी जब्त किया। यह कार्रवाई नोएडा प्राधिकरण भूमि घोटाले से जुड़ी जांच के तहत की गई है, जिसमें मोहिंदर सिंह के ठिकानों पर आरोपों के आधार पर कार्रवाई की गई।
इस घोटाले में भी थे शामिल
मोहिंदर सिंह पर आम्रपाली और सुपरटेक जैसी बड़ी रियल एस्टेट कंपनियों की मदद करने का आरोप है। विशेष रूप से, वह सुपरटेक ट्विन टावर घोटाले में भी दोषी पाए गए थे। इस मामले में कई अन्य अधिकारियों को भी दोषी ठहराया गया था। वहीं, नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों के खिलाफ बिल्डरों के साथ मिलीभगत के सबूत पेश किए थे। सीएजी के अनुसार, 2005 से 2018 के बीच नोएडा प्राधिकरण में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी हुई, जिसके परिणामस्वरूप राज्य सरकार को हजारों करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
कौन हैं मोहिन्दर सिंह
पूर्व आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह नोएडा प्राधिकरण के सीईओ रह चुके हैं और वह 1978 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने 1977 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। मोहिंदर सिंह तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के बेहद करीबी थे और मायावती सरकार में उनकी गिनती उत्तर प्रदेश के सबसे ताकतवर अधिकारियों में होती थी। वह 31 जुलाई 2012 को अपने आईएएस सेवा से रिटायर हुए।
Also Read
21 Nov 2024 04:44 PM
यूपी विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी की ओर से पुलिस-प्रशासन और सरकार पर लगाए गए सभी आरोपों को परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने निराधार बताया है। और पढ़ें