लखनऊ के रैथा अंडरपास से लेकर पीएम मित्र पार्क (प्रस्तावित टेक्सटाइल पार्क) तक 14.28 किलोमीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरण करके इसे चार लेन का बनाया जाएगा।
लखनऊ में 139.56 करोड़ की लागत से फोर लेन आउटर रिंग रोड का निर्माण : पीडब्ल्यूडी को सौंपा गया जिम्मा
Oct 01, 2024 15:49
Oct 01, 2024 15:49
आउटर रिंग रोड के विस्तार की योजना
योगी सरकार के इस बड़े प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य लखनऊ की ट्रैफिक व्यवस्था को बेहतर बनाना और शहर के बाहरी हिस्सों में कनेक्टिविटी को मजबूत करना है। इस परियोजना के अंतर्गत, लखनऊ के रैथा अंडरपास से लेकर पीएम मित्र पार्क (प्रस्तावित टेक्सटाइल पार्क) तक 14.28 किलोमीटर लंबी सड़क का चौड़ीकरण करके इसे चार लेन का बनाया जाएगा। यह सड़क न केवल शहर के प्रमुख हिस्सों को जोड़ने का काम करेगी, बल्कि लखनऊ के औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में निवेश और विकास को भी बढ़ावा देगी।
परियोजनाओं में 139.56 करोड़ की लागत
आईआईएम लखनऊ से आउटर रिंग रोड पर स्थित रैथा अंडरपास का पुनर्विकास भी इस योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस प्रक्रिया में 8.4 किलोमीटर लंबी सड़क को भी चौड़ा करके दो लेन का किया जाएगा। फोर लेन और दो लेन संबंधी इन दोनों परियोजनाओं को 139.56 करोड़ रुपये की लागत से पूरा करने की योजना बनाई गई है। योगी सरकार ने इस महत्त्वपूर्ण परियोजना के लिए धनराशि अवमुक्त कर दी है और विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार कर ली गई है। निर्माण कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता (विकास) और विभागाध्यक्ष इसकी देखरेख करेंगे।
मेगा टेक्सटाइल पार्क से रोजगार अवसर
लखनऊ में बन रहे पीएम मित्र टेक्सटाइल पार्क इस परियोजना का एक और अहम हिस्सा है। रैथा अंडरपास से पीएम मित्र पार्क तक 14.28 किलोमीटर लंबी सड़क को चौड़ा करने के साथ-साथ, आईआईएम से आउटर रिंग रोड तक का सुधार क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को व्यापक रूप से बढ़ाएगा। यह पार्क मेगा टेक्सटाइल पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है, जो क्षेत्रीय औद्योगिक विकास की धुरी बनेगा। मलिहाबाद के अटारी गांव में इस पार्क का निर्माण किया जा रहा है, जिसे पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के पूरा होने के बाद एक लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है, जो राज्य के औद्योगिक और आर्थिक परिदृश्य में बड़ी क्रांति ला सकता है।
प्रदेश की कनेक्टिविटी में होगा सुधार
लखनऊ के इस मेगा टेक्सटाइल पार्क को कनेक्टिविटी के विभिन्न साधनों से जोड़ा जा रहा है। अटारी गांव, जहां पार्क का निर्माण हो रहा है, लखनऊ को सीतापुर और हरदोई से जोड़ने वाली चार लेन वाली सड़कों से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा, यहां से छह लेन वाली आउटर रिंग रोड भी केवल 20 किलोमीटर दूर है, जिससे इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी और मजबूत होगी। रेलवे कनेक्टिविटी के मामले में भी यह पार्क एक लाभप्रद स्थान पर स्थित है। मलिहाबाद रेलवे स्टेशन केवल 16 किलोमीटर की दूरी पर है, जबकि लखनऊ के मुख्य रेलवे स्टेशन की दूरी मात्र 40 किलोमीटर है। हवाई यात्रा के लिए, लखनऊ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा इस स्थान से 45 किलोमीटर की दूरी पर है, जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के लिए आवागमन सुगम होगा।
औद्योगिक-वाणिज्यिक विकास के नए आयाम
कानपुर नोड पर समर्पित फ्रेट कॉरिडोर 95 किलोमीटर और अंतर्देशीय कंटेनर डिपो (आईसीडी ) 111 किलोमीटर की दूरी पर है। यह लॉजिस्टिक्स और व्यापारिक गतिविधियों को और अधिक सुगम बनाएगा। इन तमाम विकास परियोजनाओं का उद्देश्य न केवल उत्तर प्रदेश को औद्योगिक रूप से मजबूत बनाना है, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक सुधार में भी अहम भूमिका निभाना है। सरकार की यह परियोजना राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व सुधार लाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल राज्य की कनेक्टिविटी में सुधार होगा, बल्कि औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश के नए अवसर पैदा होंगे।
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