लखनऊ में एक महिला दरोगा को खुद छेड़छाड़ व उत्पीड़न का शिकार होना पड़ा। दरोगा को एक शख्स ने न केवल शादी के लिए परेशान किया बल्कि उसकी फोटो को सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी भी दी।
महिला इंस्पेक्टर से छेड़छाड़ : फोटो वायरल करने की धमकी देकर 87 नंबरों से कॉल किया, लखनऊ का मामला, जानें और क्या हुआ...
Aug 22, 2024 03:37
Aug 22, 2024 03:37
चार महीने से चल रहा था उत्पीड़न
महिला दरोगा ने बताया कि यह उत्पीड़न लगभग चार महीने पहले शुरू हुआ था। उन्हें एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें फोन करने वाले ने अपना नाम आयुष्मान पांडेय बताया, जो कि प्रयागराज के हंडिया का निवासी है। पहले तो उसने शादी का प्रस्ताव रखा, लेकिन जब दरोगा ने इसका विरोध किया, तो वह दोस्ती करने का दबाव बनाने लगा। जब महिला दरोगा ने इस शख्स की कॉल्स को नजरअंदाज करना शुरू किया, तो आरोपी ने 87 अलग-अलग नंबरों से कॉल करना शुरू कर दिया। उन्होंने सभी नंबरों को ब्लॉक कर दिया, लेकिन आरोपी अपनी हरकतों से बाज नहीं आया।
धमकियों और ब्लैकमेल का सिलसिला
आरोपी ने केवल कॉल्स तक ही सीमित नहीं रहा, बल्कि उसने महिला दरोगा को ब्लैकमेल करना भी शुरू कर दिया। उसने महिला दरोगा की तस्वीर के साथ अपनी फोटो को एडिट कर सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी दी। इसके साथ ही, उसने दरोगा के दोस्तों और रिश्तेदारों को भी यह तस्वीरें भेजने की धमकी दी। इस दबाव के चलते महिला दरोगा ने आरोपी को कई बार पैसे भी दिए, ताकि वह उन्हें छोड़ दे। बावजूद इसके, आरोपी ने धमकियों का सिलसिला बंद नहीं किया और यहां तक कि उनके भाई की हत्या करने की धमकी भी दी।
थाने तक पहुंचा आरोपी, दी जान से मारने की धमकी
आरोपी की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि वह 2 जुलाई को सीधे थाने पहुंच गया और महिला दरोगा से दो लाख रुपये की मांग की। जब दरोगा ने असमर्थता जताई, तो आरोपी ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी और अभद्र व्यवहार किया। इसके बाद, उसने महिला दरोगा के बारे में गलत बातें फैलाना शुरू कर दिया, जिससे उनकी परेशानियां और बढ़ गईं। आखिरकार, महिला दरोगा ने 17 अगस्त को महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई।
पुलिस ने की कार्रवाई
महिला दरोगा की शिकायत पर पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी आयुष्मान पांडेय को पकड़ने के लिए एक टीम प्रयागराज भेजी है। इंस्पेक्टर मंजू पांडेय ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि महिला दरोगा को इस उत्पीड़न से मुक्ति मिल सके। इस घटना ने न केवल पुलिस विभाग बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आज भी महिलाएं, चाहे वे किसी भी पद पर क्यों न हों, इस तरह के उत्पीड़न का शिकार हो सकती हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस की कार्रवाई का अब सभी को इंतजार है।
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