हरदोई में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है। यहां पोस्टमार्टम के लिए लाई गई डेड बॉडी से लूट की गई। पोस्टमार्टम हाउस के कर्मचारियों पर डेड बॉडी से सोने-चांदी के जेवरात उतारने का आरोप लगा है।
हरदोई में डेड बॉडी से लूट मामले में आया नया मोड़ : बर्खास्त कर्मचारी ने सीएमओ को दी चुनौती
![बर्खास्त कर्मचारी ने सीएमओ को दी चुनौती](https://image.uttarpradeshtimes.com/ib-thumbnail-2024-06-26t162838087-46366.jpg)
Jun 26, 2024 16:49
Jun 26, 2024 16:49
- पोस्टमार्टम हाउस में डेड बॉडी से असली गहने उतार कर पहनाए जाते थे नकली गहने
- निकाले गए कर्मचारियों ने वीडियो वायरल कर सीएमओ को सही जांच कराने की दी चुनौती
पोस्टमार्टम हाउस में महिला के शव से हुई थी लूट
दरअसल, माधोगंज थाने में तैनात महिला कांस्टेबल निक्की की बहन की 9 अप्रैल को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उसका शव पोस्टमार्टम के लिए हरदोई के 100 शैय्या अस्पताल की मोर्चरी में लाया गया था। जिसमें किसी ने उसके कान की बाली और नाक की पिन निकाल ली थी। अंतिम संस्कार के बाद जब महिला कांस्टेबल वापस ड्यूटी पर लौटी तो उसने इस घटना की जानकारी सीएमओ डॉ. रोहताश कुमार को दी। शिकायत मिलते ही पूरे स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में सीएमओ ने जांच के लिए दो सदस्यीय टीम गठित की। जिसमें एसीएमओ सुरेश कुमार और सीएचसी अहिरोरी अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार शामिल थे।
नौकरी से निकल गए कर्मचारी का आरोप
जांच रिपोर्ट में आउटसोर्स के दो कर्मचारी रूपेश पटेल और वाहिद दोषी पाए गए। सीएमओ ने उन्हें बर्खास्त कर दिया और सेवा प्रदाता कंपनी को पत्र भेजकर चेतावनी दी कि वे कर्मचारियों की नियुक्ति करते समय उनके आचरण की जांच करें। जबकि बर्खास्त कर्मचारी रूपेश पटेल का दावा है कि जांच अधिकारियों ने फार्मासिस्ट को बचाने के लिए संविदा कर्मियों को दोषी ठहराया, जबकि असली लुटेरों को बचा लिया गया। सीएमओ का कहना है कि बर्खास्त कर्मचारी के खुलासे के आधार पर जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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