उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में बड़ा रेल हादसा हुआ, जब कोलकाता से अमृतसर जा रही दुर्गियाना एक्सप्रेस (12357) का इंजन ओवरहेड इलेक्ट्रिसिटी (ओएचई) वायर से टकरा गया।
हरदोई में दुर्गियाना एक्सप्रेस हादसा : ओवरहेड वायर से टकराने पर हुआ ब्लास्ट, सात ट्रेनों पर पड़ा असर
Sep 13, 2024 00:19
Sep 13, 2024 00:19
- ओएचई फेल होने से बालामऊ रोज़ा रेल खंड का अप मार्ग हुआ बाधित
- कई ट्रेनों के बदले गए मार्ग, कई ट्रेनें हुई शॉर्ट टर्मिनेट
- हरदोई से बरेली, शहजहांपुर जाने वाले यात्रियों को हो रही असुविधा
मौके पर पहुंची टीम
रेलवे प्रशासन को इस घटना की जानकारी मिलने पर तुरंत मौके पर टीम भेजी गई, जिन्होंने टूटे हुए तार को सही कर दिया और प्रभावित मार्ग पर ट्रेनों का संचालन फिर से शुरू कर दिया। हालांकि, हादसे के बाद सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया जा रहा है।
कैसे हुआ हादसा?
यह हादसा हरदोई के उमर ताली दलेल नगर इलाके के पास हुआ, जहां दुर्गियाना एक्सप्रेस ओएचई वायर से टकरा गई। ट्रेन के इंजन के ओवरहेड वायर से टकराते ही तेज धमाका हुआ, जिससे यात्रियों में दहशत फैल गई। धमाके के चलते लखनऊ-हरदोई रेल मार्ग पर कई ट्रेनों को शॉर्ट टर्मिनेट करना पड़ा और कुछ ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से भेजा गया। रेलवे सूत्रों के अनुसार, ओएचई वायर के टूटने से अप ट्रैक पर तो ट्रेनों का संचालन रुक गया, जबकि डाउन ट्रैक से गुजरने वाली ट्रेनों पर भी असर पड़ा।
सात ट्रेनों पर पड़ा असर, ट्रेनों में हुई देरी
इस हादसे के बाद कई ट्रेनें समय से नहीं चल सकीं। लखनऊ मेल अपने निर्धारित समय से काफी देर से गुजरी, वहीं चंडीगढ़-लखनऊ एक्सप्रेस भी करीब डेढ़ घंटे की देरी से पहुंची। इसके अलावा अन्य ट्रेनों को भी दूसरे मार्ग से भेजना पड़ा, ताकि यातायात सुचारू रहे। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि तार की मरम्मत के बाद संचालन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है, लेकिन यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।
सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी
इस घटना के बाद रेलवे पुलिस बल (आरपीएफ) और जीआरपी ने सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा करने की योजना बनाई है। अधिकारियों के अनुसार, रेलवे लाइन के पास गश्त बढ़ाई जाएगी और ऐसे संवेदनशील इलाकों में विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां ओएचई वायर जैसी घटनाएं हो सकती हैं। समस्त सुरक्षा टीमों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए गए हैं और क्षेत्र में चौकसी बढ़ाने के आदेश दिए गए हैं, ताकि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
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