हरदोई में प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग लापरवाह : संस्थागत प्रसव में आई गिरावट, यूपी में 74 वें स्थान पर

संस्थागत प्रसव में आई गिरावट, यूपी में 74 वें स्थान पर
UPT | जिला महिला हॉस्पिटल

Nov 16, 2024 14:25

उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद संस्थागत प्रसव के मामलों में गिरावट आई है। हाल ही में शासन से जारी आंकड़ों के मुताबिक हरदोई को पूरे राज्य में 74वां स्थान दिया गया है...

Nov 16, 2024 14:25

Short Highlights

हरदोई: जनपद में संस्थागत प्रसव में आई गिरावट

यूपी में 74 वें पायदान पर लुढ़का हरदोई

प्रमुख सचिव ने हरदोई सीएमओ को लगाई फटकार

संस्थागत प्रसंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने खर्च किए करोड़ो

हरदोई जिलाधिकारी ने तीन दिनों में तलब की रिपोर्ट

डीएम ने संस्थागत प्रसव में आई गिरावट पर कड़ी नाराजगी की जाहिर

हरदोई जनपद में बिलग्राम संस्थागत प्रसव में सबसे पीछे ।

 

Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद संस्थागत प्रसव के मामलों में गिरावट आई है। हाल ही में शासन से जारी आंकड़ों के मुताबिक हरदोई को पूरे राज्य में 74वां स्थान दिया गया है, जो कि स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है। इस स्थिति पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सीएमओ को फटकार लगाई है और कहा है कि संस्थागत प्रसव के मामले में लापरवाही को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

प्रमुख सचिव की कड़ी फटकार
प्रमुख सचिव के निर्देशों के बाद हरदोई के मुख्य चिकित्सा अधिकारी रोहतास कुमार ने जिले में संवेदीकरण बैठकों का आयोजन शुरू किया है। सीएमओ ने यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है कि संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए और इसके लिए सभी जिम्मेदार कर्मचारियों की भूमिका पर ध्यान दिया जाएगा।



करोड़ों की योजनाओं के बावजूद खराब प्रदर्शन
सरकार ने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए जननी सुरक्षा योजना जैसी कई योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च किए हैं। आशा बहुओं और आशा संगिनियों को गर्भवती महिलाओं को जागरूक करने के लिए तैनात किया गया है, लेकिन हरदोई इस मामले में काफी पीछे रह गया है। शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार जिले में संस्थागत प्रसव की दर में गिरावट आई है, जिससे स्थानीय प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। इसे लेकर जिलाधिकारी ने 25 अक्टूबर को हुई बैठक में सीएमओ से अप्रैल से अब तक हुए संस्थागत प्रसवों की रिपोर्ट तीन दिनों के अंदर तलब की है। 

बैठकों का दौर हुआ शुरू
सीएमओ ने अपनी चिट्ठी में इस गिरावट पर गहरी निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि 25 अक्टूबर की बैठक में जिलाधिकारी ने संस्थागत प्रसव में आई गिरावट पर कड़ी नाराजगी जाहिर की। इसके बाद से जिले में संवेदीकरण बैठकों का सिलसिला जारी है, जिसमें सभी स्वास्थ्य कर्मचारियों को उनकी जिम्मेदारियों का एहसास कराने पर जोर दिया जा रहा है। बिलग्राम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) इस मामले में सबसे पीछे है। स्थानीय लोगों का मानना है कि जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण यह हालात हैं। 

कई योजनाओं की घोषणा
इस स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने संवेदीकरण के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास है कि लोगों को संस्थागत प्रसव के लाभों के बारे में जागरूक किया जाए ताकि वे सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाएं।

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