उत्तर प्रदेश की मिश्रिख लोकसभा सीट तीन जिलों कानपुर, हरदोई और सीतापुर तक फैली हुई है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। मिश्रिख में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है और यह सीट 2014 से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इस सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है, दरअसल इस सीट पर जीजा और सलहज आमने-सामने हैं।
May 10, 2024 01:57
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Hardoi News : उत्तर प्रदेश की मिश्रिख लोकसभा सीट तीन जिलों कानपुर, हरदोई और सीतापुर तक फैली हुई है। यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है। मिश्रिख में चौथे चरण में 13 मई को मतदान होना है और यह सीट 2014 से भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है। इस बार के लोकसभा चुनाव में इस सीट का मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है, दरअसल इस सीट पर जीजा और सलहज आमने-सामने हैं।
मिश्रिख लोकसभा सीट पर प्रत्याशी
भाजपा ने इस बार के चुनाव में अपने मौजूदा सांसद डॉक्टर अशोक कुमार रावत पर भरोसा जताया है। वहीं इंडिया गठबंधन में यह सीट समाजवादी पार्टी के खाते में आई है। सपा ने संगीता राजवंशी को टिकट देकर मैदान में उतारा है। संगीता रिश्ते में डॉक्टर रावत की सलहज हैं। वहीं बहुजन समाज पार्टी ने डॉक्टर बीआर अहिरवार को टिकट दिया है। डॉक्टर रावत इस सीट पर 2004 और 2009 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर जीत चुके हैं।
मिश्रिख सीट पर सपा ने चार बार उम्मीदवार बदले
सपा ने इस बार के चुनाव में कई सीटों पर तीन-तीन बार उम्मीदवारों को बदला, लेकिन मिश्रिख एक ऐसी सीट है, जहां सपा ने चार बार अपने उम्मीदवार बदले। सपा ने यहां पहले पूर्व मंत्री रामपाल राजवंशी के उम्मीदवारी की घोषणा की थी। वो रिश्ते में डॉक्टर अशोक रावत के ससुर लगते हैं, रामपाल राजवंशी ने दामाद के खिलाफ चुनाव लड़ने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसके बाद सपा ने रामपाल के बेटे मनोज कुमार राजवंशी के उम्मीदवारी की घोषणा की। वो अपने जीजा के खिलाफ लड़ाई की रणनीति बना ही रहे थे, कि सपा ने एक बार फिर टिकट बदलते हुए पूर्व सांसद रामशंकर भार्गव को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी। इसके अगले ही दिन सपा ने एक बार यहां से अपना उम्मीदवार बदल दिया। सपा ने भार्गव की जगह रामपाल राजवंशी की बहू संगीता राजवंशी को उम्मीदवार बनाने की घोषणा कर दी। संगीता राजवंशी भाजपा उम्मीदवार डॉक्टर अशोक रावत की सलहज यानी साले की पत्नी हैं वो अपने जीजा को चुनौती देते हुए मैदान में टिकी हुई हैं।
मिश्रिख लोकसभा सीट में विधानसभा क्षेत्र
मिश्रिख लोकसभा सीट में सीतापुर की मिश्रिख विधानसभा क्षेत्र, कानपुर का बिल्हौर विधानसभा क्षेत्र और हरदोई जिले का बालामऊ, संडीला और मल्लावां विधानसभा क्षेत्र आता है। साल 2022 के चुनाव में इन सभी विधानसभा सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था।
मिश्रिख लोकसभा सीट का इतिहास
साल 2019 का लोकसभा चुनाव समाजवादी पार्टी और बसपा ने मिलकर लड़ा था इस गठबंधन में यह सीट बसपा के खाते में आई थी उस चुनाव में बसपा उम्मीदवार डॉक्टर नीलू सत्यार्थी ने चार लाख 33 हजार 757 वोट हासिल किए थे यह कुल पड़े वोटों का 42.22 फीसदी था वहीं इस सीट पर जीते डॉक्टर अशोक कुमार रावत को पांच लाख 34 हजार 429 वोट मिले थे कुल पड़े वोटों में से उन्हें 52.02 फीसदी वोट हासिल हुए थे कांग्रेस की मंजरी राही ने 26 हजार 505 वोट हासिल किए थे वही 2014 के चुनाव में डॉक्टर अशोक कुमार रावत बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे लेकिन भाजपा के अंजूबाला के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा था अंजू बाला को चार लाख 12 हजार 468 वोट मिले थे यह कुल पड़े वोटों का 41.33 फीसदी था वहीं अशोक कुमार रावत को तीन लाख 25 हजार 212 वोट मिले थे यह कुल पड़े वोटों का 32.58 फीसदी था सपा उम्मीदवार जयप्रकाश को एक लाख 94 हजार 759 वोट मिले थे यह कुल पड़े वोटों का 19.51 फीसदी था।
किसकी कितनी जनसंख्या
मिश्रिख में अनुसूचित जाति के मतदाताओं की संख्या करीब 33 फीसदी है. इनमें पासी जाती के मतदाताओं की संख्या अधिक है इसे ध्यान में रखते हुए ही भाजपा और सपा ने इसी जाति के उम्मीदवार उतारे हैं मौजूदा हालात पर अगर बात की जाए तो भारतीय जनता पार्टी की स्थिति यहां पर मजबूत है बाकी सपा और बसपा खेल बिगड़ने की स्थिति में नजर आ रही हैं।