बिलग्राम CHC पर डाक्टरों की कमी : 400 सौ से अधिक गांव के मरीज परेशान, 2 चिकित्सकों के भरोसे है केंद्र

400 सौ से अधिक गांव के मरीज परेशान, 2 चिकित्सकों के भरोसे है केंद्र
UPT | बिलग्राम सीएचसी

Sep 02, 2024 01:58

हरदोई की बिलग्राम तहसील में बनी सीएचसी डॉक्टरों की कमी की वजह से खुद बीमार होती जा रही है। बिलग्राम ब्लाक में 79 ग्राम पंचायत है जिसमें करीब 450 लगभग गांव के लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए तहसील मुख्यालय पर ये सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाया गया है। जो चिकित्सकों के अभाव में खुद बीमार हो गया है।

Sep 02, 2024 01:58

Short Highlights
  • मौसमी बीमारियों के चलते बढ़ रही रोगियों की तादाद 
  • इलाज की पूरी सुविधा न मिलने से मरीज परेशान
  • डॉक्टरों की कमी बढ़ा रही मरीजों की तकलीफ
Hardoi News : उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले में स्थित बिलग्राम तहसील का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) एक गंभीर संकट का सामना कर रहा है। यह केंद्र, जो कि 450 से अधिक गांवों के लगभग 4 लाख लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए स्थापित किया गया था, वर्तमान में चिकित्सकों की भारी कमी से जूझ रहा है। यह स्थिति विशेष रूप से चिंताजनक है, क्योंकि यह क्षेत्र उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक का गृह क्षेत्र है।

बिलग्राम ब्लॉक में 79 ग्राम पंचायतें हैं, जिनमें से प्रत्येक कई गांवों को समेटे हुए है। इस विशाल क्षेत्र की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तहसील मुख्यालय पर यह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया गया था। हालांकि, वर्तमान में यह केंद्र स्वयं 'बीमार' की स्थिति में है, जिसका मुख्य कारण पर्याप्त चिकित्सा कर्मियों का अभाव है।

रोजाना आते हैं 400 से अधिक मरीज 
स्थानीय निवासियों के अनुसार, मौसमी बीमारियों के कारण रोगियों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रतिदिन औसतन 400 से अधिक मरीज इस केंद्र में इलाज के लिए आते हैं। परंतु, वर्तमान में केवल दो चिकित्सक इस भारी मांग को पूरा करने का प्रयास कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल मौजूदा चिकित्सकों पर अत्यधिक दबाव डाल रही है, बल्कि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने से भी वंचित कर रही है।

मरीजों को जिला अस्पताल रेफर करना पड़ रहा
बिलग्राम का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एक महत्वपूर्ण स्थान पर स्थित है। यह एक प्रमुख राजमार्ग के निकट होने के कारण, यातायात दुर्घटनाओं के पीड़ितों के लिए भी एक महत्वपूर्ण प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के रूप में कार्य करता है। हालांकि, चिकित्सकों की कमी के कारण, कई गंभीर मामलों को तुरंत जिला अस्पताल रेफर करना पड़ रहा है, जो कि जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है।

लंबे समय से भरे नहीं गए हैं कई रिक्त पद
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह स्थिति पिछले कई महीनों से चल रही है। कई रिक्त पद लंबे समय से भरे नहीं गए हैं, जिससे मौजूदा स्वास्थ्य कर्मियों पर काम का बोझ बढ़ गया है। फार्मासिस्ट और नर्सिंग स्टाफ अपनी क्षमता से अधिक काम करने को मजबूर हैं, लेकिन फिर भी वे बढ़ती मांग को पूरा करने में असमर्थ हैं।

सीएमओ से की अतिरिक्त चिकित्सकों की मांग 
सीएचसी के अधीक्षक डॉ. राजेंद्र कुमार ने इस गंभीर स्थिति के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को हल करने के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को दो बार पत्र लिखा है, जिसमें अतिरिक्त चिकित्सकों की नियुक्ति की मांग की गई है। हालांकि, अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है।

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