जुलाई में हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में बाबा नारायण हरि के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। बताया गया कि भक्तों ने बाबा के चरण रज लेने के लिए भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोगों की मौत हो गई।
हाथरस सत्संग कांड : कड़ी सुरक्षा के बीच नारायण हरि साकार न्यायिक आयोग के सामने पेश, सवालों से होगा सामना
Oct 10, 2024 11:54
Oct 10, 2024 11:54
सत्संग में भगदड़ से हुई थी 121 श्रद्धालुओं की मौत
जुलाई में हाथरस के सिकंदराराऊ के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में बाबा नारायण हरि के सत्संग के दौरान हुई भगदड़ में 121 लोगों की जान चली गई थी। बताया गया कि भक्तों ने बाबा के चरण रज लेने के लिए भीड़ में धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे भगदड़ मच गई और कई लोगों की मौत हो गई। इस हादसे के बाद पुलिस ने 11 आरोपियों को हिरासत में लिया था।
गैर इरादतन हत्या के आरोप में मुकदमा दर्ज
इस हादसे में मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अन्य सेवादारों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस के मुताबिक, सत्संग के आयोजन में निर्धारित 80 हजार लोगों की सीमा का उल्लंघन कर ढाई लाख लोगों की भीड़ जुटाई गई, जिससे यातायात और प्रबंधन में भी अड़चनें आईं। मामले में पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल कर 11 लोगों को आरोपी बनाया है।
गिरफ्तार किए गए आरोपी
घटना के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर सहित अन्य 10 लोगों को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तार लोगों में दो महिलाएं भी शामिल थीं, जिनमें से मंजू देवी और मंजू यादव को हाईकोर्ट से अंतरिम जमानत मिली है। हालांकि, आवश्यक सत्यापन और आदेश कोर्ट में न पहुंचने के कारण दोनों अभी जेल से रिहा नहीं हो सकी हैं।
पीड़ित परिवारों को न्याय का इंतजार
न्यायिक आयोग के समक्ष बाबा नारायण हरि की पेशी को अहम माना जा रहा है। इसमें आयोग की ओर से कई सवाल पूछे जाएंगे, जिस पर बाबा नारायण हरि उर्फ भोले बाबा को अपना जवाब देना है। उधर पीड़ित परिवार अभी तक न्याय की उम्मीद लगाए बैठैं हैं कि इस भगदड़ हादसे के दोषियों को सख्त सजा मिले।
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