नाथ कॉरिडोर परियोजना में बड़ा अपडेट : सात शिव मंदिरों के लिए 70 करोड़ की योजना मंजूर, वैदिक लाइब्रेरी का होगा निर्माण

सात शिव मंदिरों के लिए 70 करोड़ की योजना मंजूर,  वैदिक लाइब्रेरी का होगा निर्माण
UPT | प्रतिकात्मक तस्वीर

Nov 22, 2024 15:23

बरेली के नाथ मंदिरों के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण विकास कार्य की शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत मंदिर परिसर को सुंदर और सुविधाजनक बनाने के लिए 70 करोड़ रुपये की परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है..

Nov 22, 2024 15:23

Short Highlights
  • नाथ कॉरिडोर को 70 करोड़ की मंजूरी
  • सात शिव मंदिरों का होगा कायाकल्प
  • धार्मिक पर्यटन को मिलेगी नई पहचान

Bareilly News : बरेली के नाथ मंदिरों के परिसर में एक महत्वपूर्ण विकास कार्य की शुरुआत होने जा रही है। इसके तहत मंदिर परिसर को सुंदर और सुविधाजनक बनाने के लिए 70 करोड़ रुपये की परियोजना को उत्तर प्रदेश सरकार ने मंजूरी दे दी है। पर्यटन और संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश मेश्राम ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस परियोजना को सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की है। अब इसे धरातल पर उतारने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

सात शिव मंदिरों का होगा कायाकल्प
नाथ कॉरिडोर परियोजना के तहत सात प्रमुख शिव मंदिरों को जोड़ने के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा पहले ही सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया गया था। हालांकि, सुभाषनगर स्थित तपेश्वरनाथ मंदिर की सड़क निर्माण कार्य अभी बाकी है। बाकी सड़कों का कार्य पहले ही पूरा किया जा चुका है। अब सरकार ने मंदिर परिसर को संवारने और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए कदम उठाने की योजना बनाई है। इसके लिए यूपी पर्यटन परिषद और यूपी प्रोजेक्ट कॉरपोरेशन को जिम्मेदारी सौंपी गई है।



मंदिरों में बनेंगे ओपन थियेटर
परियोजना में धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों के लिए विशेष ध्यान रखा गया है। वास्तुविद सुमित अग्रवाल द्वारा तैयार की गई डीपीआर के अनुसार, अलखनाथ, तुलसी मठ और त्रिवटीनाथ मंदिरों में एक वैदिक लाइब्रेरी बनाई जाएगी। इसके साथ ही अलखनाथ मंदिर परिसर में एक ओपन थियेटर भी बनेगा, जो धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए उपयुक्त होगा। शिव मंदिरों के परिसर में भंडारा और सत्संग के लिए अलग-अलग भवनों का निर्माण भी प्रस्तावित है। सातों नाथ मंदिरों के द्वार भी नए सिरे से बनाए जाएंगे, जो वैदिक काल की वास्तुकला का सुंदर उदाहरण होंगे।

परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी
मुख्य सचिव मुकेश मेश्राम ने परियोजना के वास्तुविद सुमित अग्रवाल की कार्य योजना की सराहना की है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बृजपाल सिंह ने जानकारी दी कि प्रमुख सचिव ने इस परियोजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। अब शासनादेश जारी होने पर निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकाले जाएंगे और फिर फर्म का चयन कर काम शुरू किया जाएगा।

कांवड़ियों के लिए बनेगा विश्राम स्थल
इसके अलावा, तुलसी मठ में श्रद्धालुओं के लिए एक धर्मशाला का निर्माण भी किया जाएगा, जिसमें 12 कमरे होंगे। प्रत्येक कमरे में चार श्रद्धालु ठहर सकेंगे। साथ ही, सात नाथ मंदिरों, अलखनाथ, मढ़ीनाथ, तपेश्वनाथ, त्रिबटीनाथ, वनखंडीनाथ, धोपेश्वरनाथ, पशुपतिनाथ मंदिर और तुलसी मठ के द्वारों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही, बड़ाबाग हनुमान मंदिर के पास एक कांवड़ विश्राम स्थल बनेगा, जिसकी क्षमता 1000 कावंड़ियों के ठहरने की होगी। यह स्थल रामलीला मैदान के पास बनेगा, जहां रामलीला के समय दर्शकों को सहूलियत होगी।

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