सौ वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजातियों में अरु, अर्जुन, आम, इमली, कैम, करील. कुसुम, खिरनी, शमी, गम्हार, गूलर, छितवन, चिलबिल, जामुन, नीम, एडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू, बरगद, महुआ, महोगनी, मैसूर बरगद, शीशम, साल, सेमल, हल्दू व तुमाल शामिल हैं।
UP News : प्रदेश के 11 जनपदों में तैयार होगी विरासत वृक्ष वाटिका
Jul 09, 2024 00:45
Jul 09, 2024 00:45
- 100 वर्ष से अधिक आयु वाली 28 प्रजातियां विरासत वृक्ष घोषित
- वृक्षारोपण जन अभियान-2024 के तहत तैयार की जाएगी विरासत वृक्ष वाटिका
28 प्रजातियां विरासत वृक्ष घोषित
उत्तर प्रदेश राज्य जैव विविधता बोर्ड ने गैर वन क्षेत्र पर अवस्थित सौ वर्ष से अधिक आयु के 28 प्रजातियों में अरु, अर्जुन, आम, इमली, कैम, करील. कुसुम, खिरनी, शमी, गम्हार, गूलर, छितवन, चिलबिल, जामुन, नीम, एडनसोनिया, पाकड़, पीपल, पीलू, बरगद, महुआ, महोगनी, मैसूर बरगद, शीशम, साल, सेमल, हल्दू व तुमाल शामिल हैं। इसमें बरगद प्रजाति के 363 व पीपल प्रजाति के 422 वृक्ष हैं।
स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष भी शामिल
विरासत वृक्ष में आध्यात्मिक व स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़े वृक्ष शामिल किए गए हैं। योगी सरकार यूपी के सभी 75 जिलों में विरासत वृक्षों को खोजकर इन्हें संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। सीएम योगी के गृह जनपद गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर परिसर में बरगद व पाकड़ वृक्षों सहित पूरे जनपद में 19 वृक्ष विरासत वृक्ष घोषित किए गए हैं। राजधानी लखनऊ व वाराणसी के क्रमश: दशहरी आम व लंगड़ा आम के मातृ वृक्ष, फतेहपुर का बाचन इमली, मथुरा के इमलीतला मन्दिर परिसर का इमली वृक्ष, प्रतापगढ़ का करील वृक्ष, बाराबंकी में स्थित एडनसोनिया वृक्ष, हापुड़ व संत कबीर नगर में अवस्थित पाकड़ वृक्ष, सारनाथ का बोधि वृक्ष, बाबा झारखंड के नाम से प्रसिद्ध अम्बेडकर नगर का पीपल वृक्ष एवं आर्डिनेंस क्लॉथ फैक्ट्री शाहजहांपुर में स्वतंत्रता आंदोलन से जुड़ा पीपल वृक्ष शामिल है।
जनपदों में बनेंगी विरासत वृक्ष वाटिका
वृक्षारोपण जन अभियान-2024 के तहत प्रदेशवासियों को चिह्नित विरासत वृक्षों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से 11 जनपदों में विरासत वृक्ष वाटिका तैयार की जाएगी। यह वाटिका गोरखपुर, अयोध्या, लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, मेरठ, बरेली, मथुरा, सीतापुर, चित्रकूट व मीरजापुर में तैयार होगी। प्रत्येक वाटिका में विरासत वृक्ष से तैयार पौधो को अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। शेष पौधे स्थानीय महत्व की प्रजातियों के होंगे। इसके लिए लगभग आठ हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी। प्रभागों द्वारा चिह्नित 11 जनपदों में पर्याप्त संख्या में विरासत वृक्ष से पौधे तैयार करने के लिए प्रत्येक प्रभाग में कम से कम 10 वृक्ष उपलब्ध कराए जाएंगे।
विरासत वृक्षों की भी की गई पहचान
योगी सरकार में विशिष्ट विरासत वृक्षों में चीनी यात्री हवेनसांग द्वारा उल्लिखित झूंसी (प्रयागराज ) का एडनसोनिया वृक्ष, मथुरा के टेर कदंब मंदिर परिसर व निधि वन में अवस्थित पीलू वृक्ष, प्रयागराज के किले में अक्षयवट, उन्नाव जनपद में वाल्मीकि आश्रम, लव कुश जन्म स्थली व जानकी कुण्ड नाम से प्रसिद्ध स्थल पर अवस्थित बरगद वृक्ष एवं प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े हुए एनबीआरआई लखनऊ व महामाया देवी मन्दिर परिसर गाजियाबाद में अवस्थित बरगद वृक्ष शमिल हैं।
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