हाईकोर्ट ने एक अहम निर्णय में कहा कि जन्म देने वाली मां नाबालिग बच्चों की बचपन की जरूरतें पूरी करने समेत परवरिश करने के लिए सर्वोत्तम है।
हाईकोर्ट ने की बड़ी टिप्पणी : कहा- जन्म देने वाली मां नाबालिग बच्चों की परवरिश के लिए सर्वोत्तम
![कहा- जन्म देने वाली मां नाबालिग बच्चों की परवरिश के लिए सर्वोत्तम](https://image.uttarpradeshtimes.com/upt-1-62862.jpg)
Jun 17, 2024 06:49
Jun 17, 2024 06:49
जैविक माता की याचिका को मंजूरी
इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायमूर्ति सौरभ लवानिया की एकल पीठ ने यह निर्णय जैविक माता की याचिका को मंजूर करके दिया। उन्होंने कहा कि जन्म देने वाली माता ने अपने तीन नाबालिग बच्चों को उनके सौतेले भाई से लेकर उसे देने की गुजारिश की थी। यह मामला प्रतापगढ़ जिले का था। जहां बच्चों के पिता की मृत्यु होने के बाद वे तीनों अपने सौतेले भाई के साथ रह रहे थे।
कोर्ट ने लिया अहम निर्यण
इस पर, कोर्ट ने स्पष्ट आदेश देते हुए कहा कि इस मामले में चूंकि बच्चे अपने किसी कानूनी अभिभावक के पास नहीं हैं, ऐसे में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पोषणीय है। इस कानूनी व्यवस्था के साथ कोर्ट ने याचिका मंजूर कर तीनों नाबालिग बच्चों को उनकी जैविक माता को सौंपने का आदेश दिया।
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