लखनऊ में साइबर अपराध से जुड़े मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। वहीं इसके शिकार सबसे ज्यादा लखनऊ के डॉक्टर्स हो रहे हैं, जानिए क्या है डिजिटल अरेस्ट और कैसे इससे बचें...
Digital Arrest : पिछले साल की तुलना में इस साल अधिक दर्ज़ हुए डिजिटल फ्राड के मामले, डॉक्टर्स हो रहे सबसे ज़्यादा शिकार
May 07, 2024 16:03
May 07, 2024 16:03
क्या होता है डिजिटल अरेस्ट- साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधी पहले अपने शिकार को चुनते हैं और उसके बाद फर्जी सरकारी अधिकारी या पुलिसकर्मी बनकर उन्हें फोन के द्वारा वीडियो कॉल या ऑडियो कॉल करके किसी अपराध में अरेस्ट होने का डर दिखाते हैं। वीडियो कॉल के दौरान साइबर अपराधी अपने बैकग्राउंड को किसी पुलिस थाने या सरकारी दफ्तर का बनाकर पेश करता है जिससे उसके शिकार को यह तसल्ली हो सके कि वह सही बोल रहा है। ऐसा करके साइबर अपराधी व्यक्ति को डिजिटल अरेस्ट कर लेता है और झूठे मुकदमे से बचने के लिए मोटी रकम की डिमांड की जाती है।
लखनऊ में सबसे ज्यादा डॉक्टर हो रहे शिकार- साइबर थाने के प्रभारी बृजेश कुमार यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि लखनऊ में साइबर अपराध से जुड़े जितने भी मामले बीते कुछ वर्षों में आए हैं उनमें सबसे ज्यादा साइबर ठगी लखनऊ के डॉक्टरों के साथ हुई है। बताते चले लखनऊ के केजीएमयू, डॉ राम मनोहर लोहिया, एसजीपीजीआई समेत अन्य अस्पतालों में काम कर रहे डॉक्टरों को साइबर अपराधियों ने सबसे ज्यादा अपना शिकार बनाया है।
सबसे लंबा डिजिटल अरेस्ट आया सामने- इंस्पेक्टर बृजेश कुमार यादव ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं जिसमें आमतौर पर साइबर फ्रॉड करने वाला अपराधी अपने शिकार को 8 से 10 घंटे तक ही डिजिटल अरेस्ट करता है लेकिन एजीएमयू की डॉक्टर सौम्या गुप्ता को साइबर अपराधियों ने 10 दिनों तक सबसे लंबा डिजिटल अरेस्ट करके रखा। साइबर अपराधियों ने डॉक्टर सौम्या गुप्ता को कस्टम और फ़र्ज़ी सीबीआई अधिकारी बनकर लगाया था चूना। बहरहाल इस मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस ने अपराधी को अरेस्ट कर लिया है और ठगी द्वारा लिए गए 85 लाख रुपए में से 7 लाख रुपए को फ्रीज करा दिया गया है। वही 79 लाख रुपए को अपराधियों ने जिस अलग-अलग अकाउंट में ट्रांसफर किया उनकी जांच भी की जा रही है।
कैसे बचे डिजिटल फ्राड से- बताते चले साल 2023 में लखनऊ में कुल 54 मुकदमे साइबर फ्रॉड के दर्ज किए गए थे वहीं साल 2024 में मई तक 62 मुकदमे साइबर क्राइम के दर्ज़ हुए है। साइबर अपराध के प्रभारी बृजेश कुमार यादव ने कहा कि इस साल साइबर अपराध से जुड़े मामले अधिक हो रहे हैं वहीं लोगों को इससे बचने के लिए सलाह देते हुए कहा कि जब भी कोई ऑडियो या वीडियो कॉल कर व्यक्ति मुकदमे में फसाए जाने की बात कहे तो बिना समय गवाई अपने नजदीकी थाने में इसकी सूचना अवश्य दें जिससे साइबर फ्रॉड करने वाले अपराधियों को पकड़ा जा सके और खुद भी साइबर फ्रॉड से बच सके। साइबर थाने के प्रभारी में बताया कि जागरूकता ही एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा हम साइबर फ्रॉड या डिजिटल अरेस्ट होने से बच सकते हैं।
Also Read
22 Nov 2024 04:09 PM
लखीमपुर खीरी में पहली बार "लखीमपुर महोत्सव 2024" आयोजित किया जाएगा, और इस महोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। यह महोत्सव 25 नवंबर से शुरू होकर 28 नवंबर तक चलेगा... और पढ़ें