उत्तर प्रदेश के शहरी बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ाने के लिए आईएफसी और वर्ल्ड बैंक ग्रुप, राज्य सरकार के साथ मिलकर पूल्ड फाइनेंसिंग संरचना स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। इस पहल का हिस्सा कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ और प्रयागराज जैसे एक मिलियन से अधिक की आबादी वाले बड़े शहर हो सकते हैं।
आईएफसी यूपी में नमामि गंगे की तर्ज पर चलाएगा वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट प्रोजेक्ट : मखतार डियोप ने की सीएम योगी से मुलाकात
Oct 05, 2024 18:02
Oct 05, 2024 18:02
बुनियादी ढांचे और एगटेक में निवेश और पीपीपी मॉडल से बढ़ाया जाएगा सहयोग
मखतार डियोप ने मुख्यमंत्री योगी के वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य का समर्थन करते हुए कहा कि आईएफसी इसके लिए बुनियादी ढांचे और एगटेक में निवेश और पीपीपी के माध्यम से सहयोग बढ़ाएगा। आईएफसी पहले भी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं में सहयोग कर चुका है और उत्तर प्रदेश में भी इसे विस्तार देने की योजना है। इसके साथ ही, आईएफसी ने नमामि गंगे की तर्ज पर वेस्ट वाटर ट्रीटमेंट के लिए राज्यव्यापी जल कार्यक्रम विकसित करने पर भी चर्चा की गई। आईएफसी ने भारत के पहले और सबसे बड़े बिजली क्षेत्र इंफ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट इंडीग्रिड में 200 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। इसके जरिए भारत के ट्रांसमिशन सेक्टर का आधुनिकीकरण करने में मदद मिली है। साथ ही आईएफसी पीपीपी परियोजनाओं के सलाहकार के रूप में भी सक्रिय है।
शहरी बुनियादी ढांचे और पूल्ड फाइनेंसिंग पर जोर
उत्तर प्रदेश के शहरी बुनियादी ढांचे में निवेश को बढ़ाने के लिए आईएफसी और वर्ल्ड बैंक ग्रुप, राज्य सरकार के साथ मिलकर पूल्ड फाइनेंसिंग संरचना स्थापित करने पर काम कर रहे हैं। इस पहल का हिस्सा कानपुर, लखनऊ, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, मेरठ और प्रयागराज जैसे एक मिलियन से अधिक की आबादी वाले बड़े शहर हो सकते हैं। इस संरचना के तहत शहरी बुनियादी ढांचे की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निजी पूंजी को आकर्षित किया जाएगा। आईएफसी के सहयोग से वर्ल्ड बैंक ग्रुप 100 शहरों के कार्यक्रम के समर्थन से एक राज्य मध्यस्थ सरकारी गारंटी या क्रेडिट वृद्धि के साथ एक पूल आधार पर ऋण, बांड जुटा सकता है। आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के साथ डब्ल्यूबीजी-एडीजी 100 शहरों के कार्यक्रम का उद्देश्य 100 शहरों में जल आपूर्ति, स्वच्छता और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन सेवा में बैंक योग्य परियोजनाओं को वितरित करना है। यह कार्यक्रम अभी प्रारंभिक चरणों में है।
29 परियोजनाओं में लगभग 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश
आईएफसी ने 2007 से अब तक रसायन और उर्वरक, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, दूरसंचार, स्वास्थ्य और खाद्य प्रसंस्करण जैसे क्षेत्रों में 29 परियोजनाओं में लगभग 750 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया है। प्रदेश सरकार के पीपीपी मॉडल को बढ़ावा देने के प्रयासों में, आईएफसी ने जुलाई 2023 में यूपी के अवसंरचना और औद्योगिक विकास विभाग के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है, जिसके तहत आईएफसी पीपीपी के रूप में ई-बसों की खरीदारी, संचालन और रखरखाव की सलाहकारी सेवाएं प्रदान कर रहा है।
कृषि तकनीक और पीपीपी मॉडल में आईएफसी की भूमिका
आईएफसी ने कृषि तकनीक (एगटेक) में निवेश बढ़ाने के लिए कई परियोजनाओं में योगदान दिया है। आईएफसी की भारत कृषि तकनीक सलाहकार परियोजना (आईएएपी) उत्तर प्रदेश में 30,000 से अधिक किसानों को लाभान्वित कर रही है, जो कृषि निगरानी, बाजारों तक पहुंच और फसल विविधीकरण पर केंद्रित है। इसके साथ ही, आईएफसी ने झांसी सोलर प्रोजेक्ट में भी सलाहकार की भूमिका निभाई, जिससे 600 मेगावाट सौर ऊर्जा पार्क स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना से सालाना कम से कम 1.1 मिलियन टन सीओ2 उत्सर्जन को कम करने, लगभग 330 मिलियन डॉलर वित्तपोषण की सुविधा, ऊर्जा अंतर को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा में वृद्धि की उम्मीद है।
आईएफसी का यूपी सरकार के साथ अन्य सहयोग
आईएफसी ने उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ई-बसों की खरीदारी, संचालन और रखरखाव के लिए भी पीपीपी मॉडल में सलाह प्रदान की है। इसके साथ ही, गंगा नदी के पुनरुद्धार के लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) परियोजनाओं में भी निवेश किया गया है, जो मथुरा और वाराणसी में लागू है। आईएफसी का उद्देश्य उत्तर प्रदेश में टिकाऊ विकास और आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण में योगदान देना है।
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