मौलाना कलीम सिद्दीकी को 22 सितंबर 2021 को यूपी एटीएस ने कथित तौर पर धर्म परिवर्तन रैकेट संचान के आरोप में गिरफ्तार किया था। वहीं एटीएस की जांच में उमर गौतम के अलग-अलग बैंक खातों में विदेश से करीब 57 करोड़ रुपए आने की पुष्टि हुई। इनका इस्तेमाल धर्मांतरण कराने में धड़ल्ले से किया जा रहा था। इसमें कई और लोगों की भूमिका सामने आई।
अवैध धर्मांतरण में मौलाना कलीम सिद्दीकी-उमर गौतम सहित 14 दोषी करार : इस दिन सजा सुनाएगा NIA-ATS कोर्ट
Sep 11, 2024 02:29
Sep 11, 2024 02:29
आर्थिक रूप से कमजोर तबके को बनाते थे निशाना
शासकीय अधिवक्ता एमके सिंह ने बताया कि आरोपी आपराधिक षड्यंत्र के तहत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण कराने का गिरोह संचालित कर रहे थे। ये गिरोह आर्थिक रूप से कमजोर, दिव्यांगजन खासतौर पर मूकबधिर लोगों को अपना निशाना बनाता था। उन्हें बहला फुसलाकर, डराकर, धमकी देते हुए धर्मांतरण के लिए बाध्य कर रहा था। धर्मांतरित व्यक्ति के जरिये उसके मूल धर्म के लोगों का धर्मांतरण भी कराया जा रहा था। इसे साथ ही धर्मांतरण कर चुका इंसान अपने मूल धर्म में वापस नहीं जाए और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो, इसके लिए उन्हें वर्कशॉप और ट्रेनिंग भी दी जाती थी।
हवाला के जरिये धन का इंतजाम
इसके साथ ही आरोपियों ने धर्म परिवर्तित लोगों के बीच मूल धर्म के लिए विद्वेष पैदा किया। इसकी वजह से लोगों के आपसी संबंध खराब हुए और उनकी बीच की दूरी भी बढ़ी। इससे देश की अखंडता और एकता को बढ़ाने वाली बंधुता प्रभावित हुई है। कोर्ट को बताया गया कि आरोपियों ने अपने इस अवैध कार्य के लिए इस्लामिक दावाह सेंटर के अलावा डेफ सोसायटी को केंद्र बनाकर पूरे भारत में जाल बिछाया। विदेशों में बैठे आरोपियों के सहयोगियों ने हवाला के जरिये भारी धन का इंतजाम किया। आरोपियों के पास से पासपोर्ट, मोहर, साहित्य, धर्म और नाम बदलने वाले पुरुष, महिला व बच्चों की सूची, मोबाइल, लाइसेंस, पहचान पत्र, आधार, पैन, मैरिज सर्टिफिकेट और कंवर्जन रजिस्टर बरामद हुआ था।
मौलाना कलीम सिद्दीकी को पाबंदियों के साथ सुप्रीम कोर्ट ने दी थी जमानत
मौलाना कलीम सिद्दीकी को 22 सितंबर, 2021 को यूपी एटीएस ने कथित तौर पर धर्म परिवर्तन रैकेट संचान के आरोप में गिरफ्तार किया था। डेढ़ साल से ज्यादा समय तक जेल में रहने के बाद मौलाना कलीम को अप्रैल 2023 में इलाहाबाद हाईकोर्ट से जमानत मिल गई। इसके खिलाफ उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की। जहां मौलाना कलीम की जमानत को लेकर कई शर्तें लगाई गई। मौलाना के एनसीआर से बाहर निकलने पर पाबंदी है। साथ ही कोर्ट का सख्त निर्देश है कि वह ट्रैक करने के लिए अपने फोन की लोकेशन को हमेशा ऑन रखेंगे। शासकीय अधिवक्ता के मुताबिक मौलाना कलीम के दोषी करार दिए जाने के बाद तस्वीर साफ हो गई है।
मौलाना उमर गौतम ने हिंदू से इस्लाम धर्म अपनाया
वहीं मौलाना उमर गौतम मूल रूप से फतेहपुर जनपद का रहने वाला है। वह 1964 में हिंदू राजपूत परिवार में पैदा हुआ था। उसका नाम श्याम प्रताप सिंह गौतम था। नैनीताल में पढ़ाई के दौरान उसकी मुलाकात बिजनौर के नासिर खान से हुई। इसके बाद श्याम प्रताप ने इस्लाम कबूल कर लिया और बाद में मौलाना उमर बन गया। मौलाना उमर गौतम ने पढ़ाई खत्म करने के बाद देश और दुनिया में कई जगह इस्लाम पर व्याख्यान देना शुरू किया। उसने अपना हवाला देकर लोगों को इस्लाम अपनाने के लिए भी बरगलाया। कुछ समय बाद उसने दिल्ली के जामिया नगर के बटला हाउस इलाके की नूह मस्जिद के पास इस्लामिक दावा सेंटर का गठन किया। यहां धर्मांतरण की गतिविधियों को बढ़ावा दिया गया। इसी दौरान एक महिला शिक्षक ने मौलाना उमर गौतम पर धर्म परिवर्तन करवाने के आरोप में एफआईआर भी दर्ज कराई। इसके बाद यूपी एटीएस ने उसे गिरफ्तार किया।
एटीएस की जांच में विदेशी फंडिंग के मिले सबूत, 57 करोड़ रुपए पाए गए खातों में
एटीएस की जांच में उमर गौतम के अलग-अलग बैंक खातों में विदेश से करीब 57 करोड़ रुपए आने की पुष्टि हुई। इनका इस्तेमाल धर्मांतरण कराने में धड़ल्ले से किया जा रहा था। इसमें कई और लोगों की भूमिका सामने आई। इसके बाद एटीएस ने इस मामले में देश भर से 17 लोगों को गिरफ्तार किया और उनके खिलाफ मुकदमा चलाया गया। अब 16 आरोपी दोषी करार दिए गए हैं। जिन धाराओं में इन्हें दोषी करार दिया गया है, उसमें इनहें 10 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।
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