उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गन्ना किसानों की आय में वृद्धि और उनके जीवनस्तर में सुधार के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। बागपत और मुजफ्फरनगर में स्थित चीनी मिलों के आधुनिकीकरण की योजना बनाई जा रही है।
बदलता उत्तर प्रदेश : चीनी मिलों का होगा आधुनिकीकरण, सीएम योगी ने दिए विभागीय अधिकारियों को निर्देश
Sep 07, 2024 14:36
Sep 07, 2024 14:36
चीनी मिल का आधुनिकीकरण
हाल ही में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में इस योजना पर चर्चा हुई। बैठक में किसान सहकारी चीनी मिल, बागपत की कार्यक्षमता में सुधार और आधुनिकीकरण के लिए 84.77 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है। इस योजना में मिल की क्रशिंग क्षमता को 2500 टीसीडी से बढ़ाकर 3000 टीसीडी करने का प्रस्ताव है। इसके लिए 50 प्रतिशत राशि राज्य सरकार से अंश पूंजी के रूप में और बाकी 50 प्रतिशत ऋण के रूप में प्राप्त की जाएगी। इसके अलावा, 2024-25 के बजट में 65 करोड़ रुपये का प्रावधान भी किया गया है।
किसानों को मिलेगा समय पर भुगतान
मिल के आधुनिकीकरण की आवश्यकता इसलिए भी है क्योंकि बागपत के कमांड एरिया में गन्ने की भरपूर उपलब्धता है। वर्तमान में, यह चीनी मिल लगभग 4.82 लाख टन गन्ने की पेराई कर रही है। अगले पांच वर्षों में यह आंकड़ा बढ़कर 5.01 लाख टन तक पहुंचने की संभावना है। इससे न केवल किसानों को समय पर भुगतान मिलेगा, बल्कि चीनी उत्पादन में भी सुधार होगा।
करोड़ों रुपये की लागत का प्रस्ताव
गंगा किसान सहकारी चीनी मिल, मोरना, मुजफ्फरनगर की कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए भी 88.02 करोड़ रुपये की लागत का प्रस्ताव रखा गया है। इस योजना में मिल की क्रशिंग क्षमता को 2500 टीसीडी से बढ़ाकर 3000 टीसीडी किया जाएगा। यहां भी बागपत की तरह, आधुनिकीकरण और तकनीकी उन्नति से मिल को स्टीम और पावर कंजप्शन में कमी, गन्ने की समय पर पेराई, बगास की बचत, और चीनी परता में वृद्धि जैसी महत्वपूर्ण लाभ प्राप्त होंगे। मिल के कमांड एरिया में वर्तमान में 4.85 लाख टन गन्ने की पेराई हो रही है, जो अगले पांच वर्षों में बढ़कर 5.40 लाख टन तक पहुंच सकती है।
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