वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद से आयुर्वेद और आयुष उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि हुई है। सरकार से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 2014 से 2023 के बीच आयुष का बाजार 2.85 डॉलर से बढ़कर 43.4 डॉलर तक पहुंच चुका है।
दुनिया भर में आयुर्वेद का बढ़ता बाजार : उत्तर प्रदेश आयुष के क्षेत्र में बड़ा खिलाड़ी, उत्पादों की मांग में दोगुनी वृद्धि
Dec 05, 2024 18:17
Dec 05, 2024 18:17
- आयुष का बाजार 2.85 डॉलर से बढ़कर 43.4 डॉलर तक पहुंचा
- आयुर्वेद की पहचान दुनिया भर में मजबूत
- आयुर्वेद और आयुष उत्पादों की मांग में भारी वृद्धि
गोरक्षपीठ से जुड़ी योग और आयुर्वेद की परंपरा
योग और आयुर्वेद की परंपरा गोरक्षपीठ से जुड़ी हुई है, जहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में इन पद्धतियों को बढ़ावा दिया जा रहा है। गोरखपुर स्थित गोरक्षपीठ में गुरु गोरक्षनाथ द्वारा योग के मौजूदा स्वरूप की नींव रखी गई थी। इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए, महंत दिग्विजय नाथ के नाम से स्थापित आयुर्वेद केंद्र भी पीठ की पहली चिकित्सा इकाई थी। मुख्यमंत्री की मंशा है कि उत्तर प्रदेश आयुष के बाजार में बड़ा खिलाड़ी बने और हेल्थ टूरिज्म के क्षेत्र में भी एक प्रमुख मंजिल के रूप में उभरे।
गोरखपुर में यूपी का पहला आयुष विश्वविद्यालय
इसके तहत, गोरखपुर में यूपी का पहला आयुष विश्वविद्यालय बनाया जा रहा है। यह विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरक्षनाथ के नाम से स्थापित हो रहा है। शिलान्यास अगस्त 2021 में तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा किया गया था, और अब यह विश्वविद्यालय लगभग तैयार है। यहां ओपीडी सेवाएं भी शुरू हो चुकी हैं। इसके अलावा, अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज और वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज का निर्माण भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
चिकित्सा पद्धतियों के साथ आधुनिक पाठ्यक्रम
आयुष विश्वविद्यालय में पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ-साथ आधुनिक आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम भी चलाए जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर आयुष विभाग ने अन्य राज्यों में चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों का तुलनात्मक अध्ययन किया है। इस विश्वविद्यालय में पीएचडी, बीएससी नर्सिंग आयुर्वेद, बी फार्मा आयुर्वेद, पंचकर्म असिस्टेंट डिप्लोमा, योग नेचुरोपैथी डिप्लोमा जैसे कोर्स चलाए जाएंगे। इसके अलावा विदेशी छात्रों के लिए भी डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स की योजना है।
रोजगार के नए अवसर सृजित
आयुष चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने से न केवल स्वास्थ्य के क्षेत्र में लाभ होगा, बल्कि इससे आयुष हेल्थ टूरिज्म में भी रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे। आयुष उत्पादों की बढ़ती मांग से स्थानीय किसानों को फायदा होगा, क्योंकि वे इन उत्पादों की खेती करेंगे। इससे उनके उत्पादों के दाम भी उचित मिलेंगे, और आय बढ़ने से वे खुशहाल होंगे। इसके अलावा, ग्रेडिंग, पैकिंग और ट्रांसपोर्टेशन के क्षेत्रों में भी स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
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