लखनऊ से दिल्ली और मुंबई के बीच चलने वाली स्पेशल और चेयरकार ट्रेनों में भी वेटिंग की स्थिति गंभीर है। ऊंचे किराये के बावजूद यात्रियों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। मालदाटाउन बांद्रा स्पेशल और गोरखपुर एलटीटी स्पेशल जैसी ट्रेनों में तीन से पांच नवंबर तक वेटिंग की संख्या 20 से 50 के बीच है।
दीपावली के बाद ट्रेनों में सीटों की किल्लत : लखनऊ से दिल्ली-मुंबई लौटने वालों के लिए वेटिंग का संकट
Oct 12, 2024 12:07
Oct 12, 2024 12:07
तीन नवंबर से वापसी करने वालों की बढ़ेगी भीड़
हर साल दीपावली के बाद बड़ी संख्या में लोग अपने काम पर लौटते हैं, और इस बार करीब 2.25 लाख यात्री ट्रेन की वेटिंग लिस्ट में फंसे हैं। दिल्ली और मुंबई से लखनऊ आने वाले यात्रियों का सिलसिला 26 अक्तूबर से शुरू हो जाएगा। वहीं लौटने वालों की भीड़ तीन नवंबर से बढ़ने की उम्मीद है।
ऊंचे किराये वाली स्पेशल ट्रेनों में भी वेटिंग
लखनऊ से दिल्ली और मुंबई के बीच चलने वाली स्पेशल और चेयरकार ट्रेनों में भी वेटिंग की स्थिति गंभीर है। ऊंचे किराये के बावजूद यात्रियों को कोई राहत नहीं मिल पा रही है। मालदाटाउन बांद्रा स्पेशल और गोरखपुर एलटीटी स्पेशल जैसी ट्रेनों में तीन से पांच नवंबर तक वेटिंग की संख्या 20 से 50 के बीच है। वहीं, नियमित ट्रेनें जैसे पुष्पक एक्सप्रेस और कुशीनगर एक्सप्रेस में भी वेटिंग क्रमशः 66 और 36 तक पहुंच गई है।
दिल्ली की ओर जाने वाली वंदे भारत और तेजस भी फुल
लखनऊ से दिल्ली के लिए चलने वाली वंदे भारत, तेजस और शताब्दी एक्सप्रेस में तीन और चार नवंबर के लिए सीटें उपलब्ध नहीं हैं। वंदे भारत की चेयरकार में 142 और तेजस की चेयरकार में 112 से ज्यादा वेटिंग है। इसी तरह शताब्दी एक्सप्रेस की चेयरकार और एग्जीक्यूटिव में भी भारी वेटिंग देखी जा रही है। इसके अलावा, डिब्रूगढ़ नई दिल्ली स्पेशल और जयनगर अमृतसर स्पेशल में भी बड़ी संख्या में यात्री वेटिंग में हैं।
नियमित ट्रेनों में सीटें नहीं मिलने से यात्रा कठिन
यात्रियों के लिए सबसे बड़ी समस्या यह है कि नियमित ट्रेनों में सीटों की उपलब्धता बेहद कम है। तीन से पांच नवंबर के दौरान कई प्रमुख ट्रेनों में वेटिंग डेढ़ सौ से भी ज्यादा हो गई है। पुष्पक एक्सप्रेस, कुशीनगर एक्सप्रेस और अन्य नियमित ट्रेनों में स्लीपर और एसी की सीटें भरी हुई हैं। ट्रेनों की भारी वेटिंग के चलते यात्री मायूस हैं और टिकट की किल्लत ने उनकी यात्रा योजनाओं को मुश्किल बना दिया है।
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