Lucknow News : विदेशी लोगों पर ट्रायल की गई दवाएं खा रहे भारतीय, दुष्प्रभाव पर आवाज उठाना जरूरी

विदेशी लोगों पर ट्रायल की गई दवाएं खा रहे भारतीय,  दुष्प्रभाव पर आवाज उठाना जरूरी
UPT | Mahatma Gandhi Institute of Pharmacy College

Sep 20, 2024 18:34

अधिकांश दवाओं की खोज और उनके परीक्षण विदेशों में किए जाते हैं, जिनके आधार पर उनकी डोज निर्धारित की जाती है। भारत में लोगों पर इन दवाओं का परीक्षण नहीं होने की वजह से कभी-कभी यह डोज हमारे लिए उपयुक्त साबित नहीं होती। इसके परिणामस्वरूप दवाएं शरीर पर गलत असर डाल सकती हैं।

Sep 20, 2024 18:34

Short Highlights
  • स्वास्थ्य मंत्रालय के फार्माकोविजिलेंस विशेषज्ञ ने दवा दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग पर दिया जोर
  • महात्मा गांधी फार्मेसी कॉलेज में राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस दिवस का आयोजन
Lucknow News : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने दवाओं के दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग को लेकर विशेष जोर दिया है। मंत्रालय के वरिष्ठ फार्माकोविजिलेंस एसोसिएट अनूप कुमार ने इस बात पर बल दिया कि दवाओं के किसी भी संभावित दुष्प्रभाव को रिपोर्ट करना बेहद जरूरी है। महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी कॉलेज में शुक्रवार को राष्ट्रीय फार्माकोविजिलेंस दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि हर मेडिकल कॉलेज में दवाओं के दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए एक विशेष विभाग होता है, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी समस्या की रिपोर्ट कर सकता है।

रिएक्ट भी कर सकती है दवा  
उन्होंने बताया कि अधिकांश दवाओं की खोज और उनके परीक्षण विदेशों में किए जाते हैं, जिनके आधार पर उनकी डोज निर्धारित की जाती है। भारत में लोगों पर इन दवाओं का परीक्षण नहीं होने की वजह से कभी-कभी यह डोज हमारे लिए उपयुक्त साबित नहीं होती। इसके परिणामस्वरूप दवाएं शरीर पर गलत असर डाल सकती हैं। ऐसी स्थिति में, नागरिकों का यह कर्तव्य है कि वे अपने नजदीकी मेडिकल कॉलेज में जाकर दवा से संबंधित किसी भी दुष्प्रभाव की रिपोर्ट करें, ताकि इसका सही तरीके से समाधान किया जा सके।



फार्माकोविजिलेंस का रोगी सुरक्षा में महत्व
कार्यक्रम के दौरान विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया, जिनमें फार्माकोविजिलेंस के महत्व को उजागर किया गया। इसमें प्रमुख रूप से एक पैनल चर्चा का आयोजन हुआ, जिसमें उद्योग जगत के विशेषज्ञों और छात्रों ने भाग लिया। चर्चा का मुख्य विषय था कि फार्माकोविजिलेंस कैसे मरीजों की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और इसके क्या-क्या सर्वोत्तम उपाय हो सकते हैं। इसके साथ ही, छात्रों ने पोस्टर और निबंध प्रतियोगिताओं के माध्यम से फार्माकोविजिलेंस के मूल सिद्धांतों को प्रदर्शित किया, जिससे इस क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने में मदद मिली।

सामूहिक जिम्मेदारी के रूप में फार्माकोविजिलेंस
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी कॉलेज के निदेशक डॉ. जीशान हुसैन और प्रिंसिपल डॉ. मीना यादव ने कार्यक्रम में कहा कि फार्माकोविजिलेंस एक सामूहिक जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए एकजुट होकर काम करना चाहिए। यह आयोजन यह दर्शाता है कि संस्थान रोगी सुरक्षा और जिम्मेदार स्वास्थ्य प्रथाओं को बढ़ावा देने के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।

लोगों का जागरूक होना बेहद जरूरी
इस आयोजन के माध्यम से यह संदेश स्पष्ट रूप से सामने आया कि दवाओं के दुष्प्रभाव की रिपोर्टिंग मरीजों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है। जब लोग जागरूक होकर अपने दायित्व को समझेंगे और इस दिशा में कदम उठाएंगे, तो यह फार्मास्यूटिकल उद्योग और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक सकारात्मक बदलाव लाने में मदद करेगा। फार्माकोविजिलेंस दिवस के इस आयोजन ने दवाओं के दुष्प्रभावों की रिपोर्टिंग के महत्व को एक बार फिर से रेखांकित किया। इसके माध्यम से यह स्पष्ट हुआ कि जब सभी संबंधित पक्ष, चाहे वे स्वास्थ्य अधिकारी हों, छात्र हों, या आम नागरिक हों, अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं और रिपोर्टिंग में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं, तो दवाओं की सुरक्षा और रोगी कल्याण को सुनिश्चित करना संभव हो सकता है।

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