मुस्लिम समाज करे बड़े फैसले : इंद्रेश कुमार बोले- काशी, मथुरा और संभल जैसे धार्मिक स्थल हिंदुओं को सौंपें

इंद्रेश कुमार बोले- काशी, मथुरा और संभल जैसे धार्मिक स्थल हिंदुओं को सौंपें
UPT | डॉ. इंद्रेश कुमार

Jan 05, 2025 11:50

इंद्रेश कुमार ने वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवादों पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक को मुस्लिम समाज के हित और पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों को समाज सेवा और शिक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल में लाना चाहिए।

Jan 05, 2025 11:50

Lucknow News : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ पदाधिकारी और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मार्गदर्शक डॉ. इंद्रेश कुमार ने काशी, मथुरा और संभल जैसे विवादित धार्मिक स्थलों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे कुरान और हदीस की रोशनी में इन स्थलों को हिंदुओं को सौंपने की पहल करें। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल भारत को सांप्रदायिक सौहार्द का वैश्विक प्रतीक बना सकती है।

संवाद से समाधान का रास्ता
डॉ. इंद्रेश ने कैसरबाग स्थित गांधी भवन प्रेक्षागृह में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा कि अदालतें सर्वोपरि हैं। लेकिन, ऐसे मुद्दों का समाधान बातचीत और संवाद के जरिए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया से देश में एकता, अखंडता और भाईचारा बढ़ेगा। संवाद से समाधान निकालने का यह तरीका दोनों समुदायों के बीच मेलजोल को मजबूत करेगा।



वक्फ संशोधन विधेयक का समर्थन
इंद्रेश कुमार ने वक्फ संपत्तियों को लेकर चल रहे विवादों पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक को मुस्लिम समाज के हित और पारदर्शिता बढ़ाने वाला कदम बताया। उन्होंने कहा कि वक्फ की संपत्तियों को समाज सेवा और शिक्षा के उद्देश्य से इस्तेमाल में लाना चाहिए।

मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की सोच
मंच के राष्ट्रीय संयोजक रजा हुसैन रिजवी ने भी इस मुद्दे पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर किसी मस्जिद में बुत यानी मूर्ति है, तो वहां नमाज अदा नहीं की जा सकती। उन्होंने मुस्लिम समाज से विवादित स्थलों को वापस कर समस्या का समाधान निकालने की अपील की।

कुरान और हदीस की रोशनी में फैसले की जरूरत
डॉ. इंद्रेश कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि मुस्लिम समाज को कुरान और हदीस के सिद्धांतों के आधार पर बड़ा दिल दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह कदम न केवल विवादों को समाप्त करेगा, बल्कि इससे भारत सांप्रदायिक सौहार्द का एक सकारात्मक उदाहरण बनकर उभरेगा। कार्यक्रम की शुरुआत मुफ्ती नोमान के कुरान की तिलावत से हुई। इस दौरान धार्मिक मुद्दों पर चर्चा के लिए संवाद को प्राथमिकता पर रखने पर जोर दिया गया। वक्ताओं ने शांति और मेलमिलाप के संदेश को आगे बढ़ाने की बात कही।

धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक विरासत का टकराव
काशी, मथुरा और संभल जैसे धार्मिक स्थल ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं। काशी विश्वनाथ मंदिर, कृष्ण जन्मभूमि मथुरा और संभल में स्थित धार्मिक स्थल जहां हिंदू आस्था के प्रतीक हैं। वहीं इन स्थानों पर मुगल काल में बनी कुछ मस्जिदों के कारण लंबे समय से विवाद भी चल रहा है। इन विवादों का मूल कारण ऐतिहासिक घटनाओं और धार्मिक आस्थाओं का टकराव है। इन्हें लेकर वर्षों से अदालतों में मामले चल रहे हैं।

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