कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मेरठ को प्रयागराज और बीच में पड़ने वाले 12 जनपदों को आपस में जोड़ने और यात्रा की अवधि कम करने के लिए ही 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ताकि महाकुंभ-2025 के दौरान लाखों लोगों को पुण्य अर्जन में इसका लाभ मिल सके।
यूपीडा की समीक्षा बैठक : मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी बोले-महाकुंभ-2025 से पहले हर हाल में पूरा करें गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण
Oct 23, 2024 20:41
Oct 23, 2024 20:41
- यूपीडा की समीक्षा बैठक में मंत्री नंदी ने महाकुंभ के दृष्टिगत गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण में तेजी लाने के दिए निर्देश
- नवंबर या दिसंबर में हो सकता है गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, 98.5 प्रतिशत कार्य पूर्ण
- बलिया लिंक एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य हुआ पूरा
- 29 जनपदों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए खरीदी गई 8000 एकड़ भूमि, 12000 एकड़ भूमि का है लक्ष्य
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति जानी
कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मेरठ को प्रयागराज और बीच में पड़ने वाले 12 जनपदों को आपस में जोड़ने और यात्रा की अवधि कम करने के लिए ही 594 किलोमीटर लंबे गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य कराया जा रहा है। ताकि महाकुंभ-2025 के दौरान लाखों लोगों को पुण्य अर्जन में इसका लाभ मिल सके। मंत्री नंदी ने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य की प्रगति जानी। जिसके सम्बंध में अधिकारियों ने अब तक 98.5 प्रतिशत कार्य पूरा होने और 30 अक्टूबर 2024 कार्य समाप्ति की निर्धारित तिथि की जानकारी दी। जिस पर मंत्री नंदी ने बचे हुए डेढ़ प्रतिशत कार्य को जल्द से जल्द पूरा कराने के निर्देश दिए। जिस पर अधिकारियों ने कहा कि नवंबर या फिर दिसंबर में 7,283 करोड़ की लागत से निर्मित 91.35 किलोमीटर लंबे गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का लोर्कापण कराया जा सकता है।
29 जनपदों में इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए खरीदी गई 8000 एकड़ भूमि
समीक्षा बैठक में बताया गया कि गाजीपुर से मांझीघाट 131 किलोमीटर लंबे ग्रीन फील्ड परियोजना एनएच-31 का निर्माण कार्य कराया जाना है। जिसके लिए 822.05 हेक्टेयर भूमि के सापेक्ष 744 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण एवं क्रय करने का कार्य पूरा कराया जा चुका है। जल्द ही अब आगे की प्रक्रिया को अपनाया जाएगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे व गंगा एक्सप्रेसवे के किनारे 28 जनपदों में 29 स्थलों पर औद्योगिक कॉरिडोर विकसित किए जाने हैं, जिसके लिए 12,000 एकड़ भूमि एकत्रित करने का लक्ष्य है। जिसके सापेक्ष 8000 एकड़ भूमि क्रय की जा चुकी है। जिस पर मंत्री नन्दी ने शेष भूमि को भी जल्द से जल्द क्रय करने के निर्देश दिए।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तर प्रदेश डिफेंस कॉरिडोर के सभी 6 नोड में 1649 हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है। जिसमें से 1301 हेक्टेयर भूमि अलॉट की जा चुकी है। अभी तक 8000 करोड़ का इन्वेस्ट हो चुका है। पांच प्लांट से प्रोडक्शन भी शुरू हो गया है। कानपुर नोड में इजराइल की कम्पनियां इनवेस्ट के लिए आ रही हैं। मंत्री ने एक्सप्रेसवे पर चलने वाले सभी वाहन तथा एंबुलेंस, कैटल कैचर क्रेन, जिनमें जीपीएस की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, उनकी लाइव लोकेशन यूपीडा के मुख्यालय में स्थित बोर्ड रूम में दिखाए जाने जाने के निर्देश दिए। बैठक में प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश शासन एवं सीईओ यूपीडा मनोज कुमार सिंह, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, एसीईओ यूपीडा हरि प्रताप शाही व अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।
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