योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें अपनी पहचान बताने में कोई समस्या नहीं है, तो फिर किसी और को कैसे हो सकती है?...
कांवड़ रूट नेमप्लेट के समर्थन में योगगुरु : बोले- रामदेव को दिक्कत नहीं तो रहमान को क्यों?
Jul 22, 2024 00:41
Jul 22, 2024 00:41
नेमप्लेट का विवाद दिन पर तुल पकड़ता जा रहा है इस बीच, योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इस मुद्दे पर अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जब उन्हें अपनी पहचान बताने में कोई समस्या नहीं है, तो फिर किसी और को कैसे हो सकती है? रामदेव के इस बयान से विवाद और भी गहरा हो गया है।
फिर रहमान को दिक्कत क्यों
बाबा रामदेव कहते है कि सभी व्यक्तियों को अपने नाम और पहचान पर गर्व होना चाहिए, चाहे वे किसी भी धर्म या समुदाय से हों। नाम छिपाने की बजाय, उन्होंने काम की पवित्रता पर जोर होना चाहिए है। उनका कहना है कि अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई परेशानी नहीं है, तो फिर रहमान को अपनी पहचान उजागर करने में दिक्कत क्यों होनी चाहिए? रामदेव का तर्क है कि यदि कोई व्यक्ति ईमानदारी से काम कर रहा है, तो उसके धार्मिक या सामुदायिक पहचान का कोई महत्व नहीं होना चाहिए। सभी धर्मों और समुदायों के लोगों को समान रूप से अपनी पहचान प्रदर्शित करने में सहज होना चाहिए।
#WATCH | Haridwar: On 'nameplates' on food shops on the Kanwar route in Uttar Pradesh, Yog Guru Baba Ramdev says, "If Ramdev has no problem in revealing his identity, then why should Rahman have a problem in revealing his identity? Everyone should be proud of their name. There is… pic.twitter.com/co47Ki6CrJ
— ANI (@ANI) July 21, 2024
देश के सभी नागरिकों को है पूरी आजादी
जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि यह 'भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक' फैसला है और यह संविधान में निहित मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी कानूनी टीम इस आदेश के कानूनी पहलुओं पर विचार करेगी। मदनी ने कहा कि देश के सभी नागरिकों को संविधान में पूरी आजादी दी गई है कि वे जो चाहें पहनें, जो चाहें खाएं, उनकी निजी पसंद में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगा, क्योंकि ये नागरिकों के मौलिक अधिकारों के मामले हैं।
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