पाकिस्तान के साथ कारगिल युद्ध में हमारे देश के 527 जवान शहीद हुए थे और 1363 जवान घायल हुए थे। इस युद्ध में यूपी के भी कुछ जवान शहीद हुए थे। राजधानी लखनऊ में शहीद जवानों के लिए एक स्मारक बनाया गया है। यहां हर दिन ...
कारगिल विजय दिवस की रजत जयंती : लखनऊ की फिजा में जिंदा हैं इन नायकों के किस्से, नेताओं ने किया नमन
Jul 26, 2024 14:28
Jul 26, 2024 14:28
वॉर ऑफ मेमोरियल
इन वीर शहीदों की स्मृति को सदैव जीवंत रखने के लिए, मध्य कमान की ओर से लखनऊ छावनी में एक विशेष युद्ध स्मारक का निर्माण किया गया है। यह स्मारक न केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देने का स्थान है, बल्कि उनकी वीरता की गाथाओं को भावी पीढ़ियों तक पहुंचाने का माध्यम भी है। स्मारक में शहीदों की मूर्तियां, उनका विवरण और "ऑपरेशन विजय" में भाग लेने वाले सैनिकों के नाम अंकित हैं। परमवीर चक्र और अशोक चक्र विजेताओं की प्रतिमाएं भी यहां स्थापित की गई हैं। प्रतिदिन बड़ी संख्या में लोग यहां आकर वीरों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनकी वीरता से प्रेरणा लेते हैं।
क्यों हुआ था कारगिल युद्ध
कारगिल युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान द्वारा किए गए एक धोखेभरे कदम से हुई। भारत और पाकिस्तान के बीच एक समझौता था कि दोनों देश सर्दियों के दौरान बर्फीले क्षेत्रों से अपने सैनिकों को वापस बुला लेंगे। भारत ने इस समझौते का पालन किया, लेकिन पाकिस्तान ने इसका फायदा उठाते हुए चुपके से इन क्षेत्रों पर कब्जा कर लिया। उन्होंने द्रास, टाइगर हिल और कारगिल जैसे रणनीतिक महत्व के स्थानों पर घुसपैठ की। पाकिस्तानी सेना ने लगभग 134 किलोमीटर के क्षेत्र में अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया था। जब भारतीय सेना को इस घुसपैठ का पता चला, तो उसने तुरंत कार्रवाई शुरू की। 3 मई से 26 जुलाई 1999 तक चले इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपने असाधारण साहस और रणनीतिक कौशल का प्रदर्शन किया। कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और प्रतिकूल मौसम के बावजूद, हमारे जवानों ने अद्भुत वीरता दिखाते हुए एक-एक करके सभी चौकियों को मुक्त कराया।
राष्ट्रीय स्मृति में कारगिल
कारगिल विजय ने भारतीय सेना की क्षमता और साहस को दुनिया के सामने प्रदर्शित किया। इस युद्ध ने न केवल भारत की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा की, बल्कि राष्ट्रीय एकता और गौरव की भावना को भी मजबूत किया। हर वर्ष 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है, जो हमारे वीर सैनिकों के बलिदान और देशभक्ति का प्रतीक है।
इन नेताओं ने किया नमन
देश के विभिन्न राजनीतिक नेताओं ने भी कारगिल के वीरों को श्रद्धांजलि दी है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके शहीदों को नमन किया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अपने संदेश में भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य शौर्य, अद्वितीय पराक्रम और अप्रतिम साहस की प्रशंसा की।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर करगिल युध्द में शहीद हुए जवानों को नमन किया। उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि भारत की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को कारगिल विजय दिवस पर मेरा शत्-शत् नमन।
योगी आदित्यनाथ ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा कि भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य शौर्य, अद्वितीय पराक्रम एवं अप्रतिम साहस के प्रतीक 'कारगिल विजय दिवस' की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई! माँ भारती के सम्मान और संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर जवानों को नमन! भारतीय सेना की कर्तव्यनिष्ठा व त्याग की भावना पर हमें गर्व है।भारत की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों को कारगिल विजय दिवस पर मेरा शत्-शत् नमन।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 26, 2024
उनके सर्वोच्च बलिदान के लिए देश सदैव ऋणी रहेगा। pic.twitter.com/YIxMzONaxq
भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य शौर्य, अद्वितीय पराक्रम एवं अप्रतिम साहस के प्रतीक 'कारगिल विजय दिवस' की प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) July 26, 2024
माँ भारती के सम्मान और संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने हेतु अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले अमर जवानों को नमन!
भारतीय सेना की कर्तव्यनिष्ठा व… pic.twitter.com/aQckk0l1Wq
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