KGMU : इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक से दिमाग की होगी जांच, मरीज को नहीं पड़ेगी बेहोश करने की जरूरत

इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक से दिमाग की होगी जांच, मरीज को नहीं पड़ेगी बेहोश करने की जरूरत
UPT | KGMU

Jan 09, 2025 12:19

इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मरीज के हिलने-डुलने से जांच प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ता। इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक, मस्तिष्क की कार्यक्षमता और गड़बड़ियों का पता लगाने का एक आधुनिक और सुरक्षित तरीका है।

Jan 09, 2025 12:19

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) राजधानी का पहला सरकारी संस्थान बनने जा रहा है, जहां मस्तिष्क की गड़बड़ी और कार्यक्षमता की जांच के लिए इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी मशीन का उपयोग किया जाएगा। 90 लाख रुपये की लागत से यह अत्याधुनिक मशीन खरीदी जा रही है, जिससे मानसिक रोग विभाग के मरीजों को बेड पर ही जांच की सुविधा मिलेगी।

मानसिक रोगियों के लिए गेम-चेंजर साबित होगी तकनीक
केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग के अध्यक्ष प्रो. विवेक अग्रवाल ने बताया कि मस्तिष्क की कार्यक्षमता जांचने के लिए अब तक एमआरआई का उपयोग किया जाता था। लेकिन, मानसिक रोगियों के लिए एमआरआई कराना चुनौतीपूर्ण होता है, क्योंकि इसके लिए मरीज को स्थिर लेटना पड़ता है। कई बार मरीजों को बेहोश करना भी पड़ता है। इसके विपरीत, इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक मरीज की मस्तिष्क की कार्यक्षमता प्रकाश किरणों के माध्यम से जांचती है। यह मशीन वजन में हल्की होती है और इसे मरीज के बेड तक ले जाया जा सकता है, जिससे जांच प्रक्रिया सरल और प्रभावी हो जाती है।



इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी के विशेष लाभ
इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मरीज के हिलने-डुलने से जांच प्रक्रिया पर कोई असर नहीं पड़ता। इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी तकनीक, मस्तिष्क की कार्यक्षमता और गड़बड़ियों का पता लगाने का एक आधुनिक और सुरक्षित तरीका है। यह तकनीक मस्तिष्क की गतिविधियों का अध्ययन प्रकाश किरणों के माध्यम से करती है, जो मरीज के लिए न केवल सुरक्षित है बल्कि अन्य पारंपरिक तरीकों से अधिक सटीक भी है।
  • प्रकाश किरणों का उपयोग : मस्तिष्क की कार्यक्षमता का सटीक अध्ययन
  • हल्की और पोर्टेबल मशीन : बेड तक आसानी से पहुंचाई जा सकती है
  • बेहोश करने की जरूरत नहीं :  मानसिक रोगियों के लिए सुरक्षित और आसान
मार्च तक पूरी हो जाएगी खरीद प्रक्रिया
प्रदेश सरकार से मिले बजट के तहत इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी मशीन की खरीद प्रक्रिया तेजी से चल रही है। अधिकारियों का मानना है कि मार्च 2025 तक यह मशीन केजीएमयू में उपलब्ध हो जाएगी।

तकनीक बदल देगी इलाज का स्वरूप
इंफ्रारेड स्पेक्ट्रोस्कोपी मशीन के उपयोग से मानसिक रोगियों के इलाज में बड़ी क्रांति आएगी। यह तकनीक उन मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभकारी होगी, जिन्हें एमआरआई के दौरान परेशानी होती थी। अब मस्तिष्क की कार्यक्षमता और गड़बड़ियों का सटीक और आसान निदान संभव हो सकेगा।

Also Read

सैन्यकर्मी के बंद घर में लगी आग, लाखों का नुकसान

9 Jan 2025 10:22 PM

लखनऊ Lucknow News : सैन्यकर्मी के बंद घर में लगी आग, लाखों का नुकसान

राजधनी लखनऊ में रायबरेली रोड स्थित एल्डिको उद्यान टू के आराधना कॉलोनी में सैन्यकर्मी के बंद घर में बृहस्पतिवार को भीषण आग लग गई। और पढ़ें