KGMU : डॉक्टरों ने पेट से निकाला आठ किलोग्राम का दुर्लभ ट्यूमर, दुनिया में अब तक सिर्फ 30 मामले

डॉक्टरों ने पेट से निकाला आठ किलोग्राम का दुर्लभ ट्यूमर, दुनिया में अब तक सिर्फ 30 मामले
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Dec 29, 2024 12:49

ऑपरेशन के दौरान पता चला कि ट्यूमर कई बार पलट चुका था, जिससे तेज दर्द हो रहा था। ट्यूमर में करीब एक लीटर खून भरा हुआ था, जिसके कारण मरीज का हीमोग्लोबिन स्तर केवल छह ग्राम रह गया। मरीज को सर्जरी के दौरान कई यूनिट खून चढ़ाना पड़ा।

Dec 29, 2024 12:49

Lucknow News : किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के डॉक्टरों ने एक जटिल सर्जरी कर एक बुजुर्ग की जान बचाई। मरीज के पेट में दुर्लभ प्रकार का आठ किलोग्राम वजन का ट्यूमर विकसित हो गया था। यह ट्यूमर सामान्य तौर पर सिर या गले में ही पाया जाता है। निजी अस्पताल ने इस सर्जरी का खर्च चार लाख रुपये बताया था। जबकि केजीएमयू के डॉक्टरों ने महज 14 हजार रुपये में इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।

ऐेसे शुरू हुई परेशानी, ट्यूमर ने पेट की आंतों को कर दिया प्रभावित
गोंडा के रहने वाले बुजुर्ग का पेट कई महीनों से बढ़ा हुआ था। लेकिन, उन्होंने इसे गंभीरता से नहीं लिया। अक्तूबर में पेट में असहनीय दर्द होने पर स्थानीय डॉक्टरों ने इसे दिल की बीमारी समझकर इलाज शुरू किया। जब समस्या हल नहीं हुई, तो डॉक्टरों ने पेट में कैंसर की आशंका जताकर उन्हें लखनऊ रेफर कर दिया। यहां जांच में पेट में दुर्लभ प्रकार का ट्यूमर होने की पुष्टि हुई। डॉ. सौम्या सिंह ने बताया कि ट्यूमर इतना बड़ा हो गया था कि इससे बुजुर्ग की आंतें दबने लगी थीं।



ट्यूमर के कारण हीमोग्लोबिन में गिरावट
ऑपरेशन के दौरान पता चला कि ट्यूमर कई बार पलट चुका था, जिससे तेज दर्द हो रहा था। ट्यूमर में करीब एक लीटर खून भरा हुआ था, जिसके कारण मरीज का हीमोग्लोबिन स्तर केवल छह ग्राम रह गया। मरीज को सर्जरी के दौरान कई यूनिट खून चढ़ाना पड़ा। डॉ. सौम्या सिंह ने बताया कि इस तरह का ट्यूमर दुनिया में अब तक सिर्फ 30 मामलों में ही पाया गया है।
  • जन्मजात समस्या : यह ट्यूमर सामान्यतः सिर और गले में विकसित होता है और इसे जन्मजात समस्या से जोड़कर देखा जाता है।
  • लक्षणों को न करें नजरअंदाज : बुजुर्गों को अपच, पेट फूलना, या कब्ज जैसे लक्षणों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। विशेषज्ञ डॉक्टर से तुरंत सलाह लेना जरूरी है।
सर्जरी में शामिल डॉक्टरों का योगदान
इस दुर्लभ और जटिल सर्जरी में केजीएमयू के कई विशेषज्ञ डॉक्टरों ने योगदान दिया।
  • सर्जरी टीम : डॉ. सौम्या सिंह, प्रो. जेके कुशवाहा, प्रो. केके सिंह
  • रेडियोलॉजी विभाग : प्रो. अनित परिहार और डॉ. सौरभ
  • एनेस्थीसिया टीम : डॉ. शशांक कनौजिया, डॉ. ऋषभ, और डॉ. वैशाली
  • ब्लड बैंक : डॉ. तुलिका चंद्रा

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