उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी में एक भूमि विवाद को सुलझाने में देरी करने पर एक आईएएस और तीन पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
लखीमपुर खीरी में भूमि पैमाइश में लापरवाही : IAS और 3 PCS अधिकारी निलंबित, सरकार ने सख्त कार्रवाई की
Nov 13, 2024 23:01
Nov 13, 2024 23:01
निलंबित अधिकारियों की तैनाती और कार्रवाई
निलंबित अधिकारियों में शामिल आईएएस अधिकारी धनश्याम सिंह, जो वर्तमान में लखनऊ मंडल के अपर आयुक्त थे, को सस्पेंड कर दिया गया है। इनके अलावा पीसीएस अधिकारियों में बाराबंकी के एडीएम (वित्त एवं राजस्व) अरुण कुमार सिंह, झांसी के नगर मजिस्ट्रेट विधेश सिंह और बुलंदशहर की एसडीएम रेनु शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों को उनकी तैनाती के दौरान भूमि पैमाइश में लापरवाही के कारण निलंबित किया गया है और अब इन्हें राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया गया है।
भूमि विवाद और मामले की पृष्ठभूमि
यह मामला तब प्रकाश में आया जब 24 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के सदर विधायक योगेश वर्मा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में विधायक वर्मा ने कलक्ट्रेट परिसर में स्कूटी पर सवार होकर प्रशासनिक अधिकारियों से शिकायत की थी। उन्होंने दावा किया कि एक सेवानिवृत्त शिक्षक, विश्वेश्वर दयाल की जमीन की पैमाइश के लिए अधिकारियों ने 5,000 रुपये की घूस ली थी। विधायक ने इस मामले में कार्रवाई की मांग करते हुए घूस की रकम की वापसी की भी बात कही थी।
शासन की जांच
विधायक के आरोपों के बाद सरकार ने इस मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय आदेश दिए। नियुक्ति विभाग ने लखीमपुर खीरी के जिलाधिकारी (डीएम) से इस मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी। रिपोर्ट में छह साल से लंबित इस मामले के दौरान तैनात अधिकारियों की भूमिका की जांच की गई। डीएम की रिपोर्ट के आधार पर यह पाया गया कि इन चारों अधिकारियों ने अपने कार्यकाल के दौरान भूमि पैमाइश में जानबूझकर देरी की, जिससे विवादित मामले का समाधान नहीं हो सका।
सरकार की कड़ी चेतावनी
सरकार ने इस कार्रवाई के जरिए एक सख्त संदेश देने की कोशिश की है कि भूमि विवादों और प्रशासनिक प्रक्रियाओं में टालमटोल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। निलंबित अधिकारियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई की संभावना को भी खारिज नहीं किया गया है। वहीं, प्रशासन ने यह भी सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही न हो और संबंधित विभागों में अधिक सतर्कता बरती जाए।
नियमित रिपोर्टिंग और जनता की भागीदारी
सरकार ने आम जनता को इस प्रकार के मामलों में जागरूक रहने की अपील की है और उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए सीधे संबंधित अधिकारियों से संपर्क करने की सलाह दी है। इसके अलावा, अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे जनता की शिकायतों को गंभीरता से लें और त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।
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