उत्तर प्रदेश में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर होने के चाहें लाख दावे कर लिए जाएं, लेकिन बदहाली का मामले रोज सामने आ ही जाता है। ताजा मामला लखीमपुर खीरी से सामने आया है।
सरकारी दावों की खुली पोल : बुखार से तपती बच्ची तक नहीं पहुंच पाई एंबुलेंस... मां की गोद में तोड़ दिया दम
Jul 10, 2024 15:30
Jul 10, 2024 15:30
- बुखार से तप रही बच्ची की मौत
- समय पर नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस
- बाढ़ से जूझ रहा है इलाका
बाढ़ के पानी से बेबस थे परिजन
दरअसल सेमरहिया गांव निवासी राकेश की दो साल की बच्ची को तेज बुखार था। इलाके में बाढ़ का पानी भरा हुआ था, इसलिए परिजन इलाज के लिए कहीं ले नहीं जा पा रहे थे। लेखपाल को फोन किया तो उसने बच्ची को किसी तरह सलीमाबाद चौराहे पर लाने को कहा। लेखपाल ने कहा कि चौराहे पर एंबुलेंस मिल जाएगी।
समय पर नहीं पहुंच सकी एंबुलेंस
परिजन किसी तरह बाढ़ के पानी से होते हुए बच्ची को लेकर सुबह ही चौराहे पर पहुंच गए। लेकिन एंबुलेंस वहां नहीं आई। करीब 11 बजे जाकर एंबुलेंस पहुंची, लेकिन तब तक बच्ची ने दम तोड़ दिया था। गोद में बच्ची का शव लिए मां चीख-चीखकर रो रही थी। बच्ची का शव लेकर परिजन वापस चले गए। इस घटना की तस्वीरें ने हर किसी को झकझोर दिया।
बाढ़ से जूझ रहा इलाका
जिस जगह की यह घटना है, वह मझगई इलाके में पड़ता है। इस इलाके में बाढ़ का कहर है। बललीपुर, नौगवा से खाले पुरवा, चौरी जाने वाले रास्तों पर भी पानी है। कस्बे का थाना भी जलमग्न है। राजापुरवा गांव तो पानी के कारण टापू बन गया है। ग्रामीण हाईवे पर रात बिताने के मजबूर हैं। इलाके के स्कूल नदी में समा गए हैं। मकान, दुकान सब कटान की जद में आ गया है। गांवों को जोड़ने वाली पुलिया भी क्षतिग्रस्त हो गई है।
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