लखीमपुर में आदमखोर का आतंक : एक महीने में 4 की ली जान, किसान के सिर को धड़ से अलग कर खाया

एक महीने में 4 की ली जान, किसान के सिर को धड़ से अलग कर खाया
UPT | लखीमपुर में आदमखोर का आतंक

Aug 28, 2024 14:18

लखीमपुर खीरी जिले में एक आदमखोर बाघ ने किसान अमरीश कुमार को अपना शिकार बना लिया। यह घटना गोला तहसील के इमलिया गांव में मंगलवार की शाम साढ़े 3 बजे के आसपास हुई।

Aug 28, 2024 14:18

Short Highlights
  • लखीमपुर में आदमखोर का आतंक
  • एक महीने में 4 की ली जान
  • कई मौतों से इलाके में हड़कंप
Lakhimpur Kheri News : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक आदमखोर बाघ ने किसान अमरीश कुमार को अपना शिकार बना लिया। यह घटना गोला तहसील के इमलिया गांव में मंगलवार की शाम साढ़े 3 बजे के आसपास हुई। अमरीश खेत में काम कर रहे थे, तभी बाघ ने उन पर हमला कर दिया। बाघ ने अमरीश को 200 मीटर तक खींचते हुए उनकी पूरी गर्दन को नोच लिया और सिर को धड़ से अलग कर दिया। घटना की जानकारी तब हुई, जब अमरीश के परिवार ने उनकी तलाश की और खेत में उनका क्षत-विक्षत शव पाया।

परिवार ने देखी क्षत-विक्षत लाश
अमरीश के भाई जसवंत ने बताया कि वे सब खेत में गन्ने की फसल को संवार रहे थे और अमरीश ने परिवार को घर भेज दिया था। जब अमरीश देर से वापस नहीं आए, तो परिवार ने उन्हें ढूंढ़ने की कोशिश की। खेत में जाकर देखा तो अमरीश की लाश पड़ी थी, सिर अलग और शरीर पर बाघ के नोचने के निशान थे। इस दृश्य को देखकर परिवार के सदस्य गहरे सदमे में आ गए और चीख-पुकार मच गई। इस मामले में वन विभाग और पुलिस को सूचित किया गया, जिन्होंने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।

ग्रामीणों ने वन विभाग को कोसा
घटना की सूचना मिलते ही महेशपुर वन रेंजर, गोला के नायब तहसीलदार और पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। ग्रामीणों ने वन विभाग की लापरवाही पर नाराजगी जताते हुए जमकर विरोध किया और नारेबाजी की। वन विभाग ने घटना पर ध्यान देने का आश्वासन दिया और परिवार को पांच दिन के अंदर पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की। इस हादसे से प्रभावित ग्रामीणों ने बाघों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

26 दिन में 4 लोगों की मौत
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में बाघों के हमलों की घटनाओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है, जिससे स्थानीय निवासी भयभीत हैं। इस क्षेत्र में हाल ही में बाघ और तेंदुए के हमलों में कई लोगों की जान जा चुकी है। केवल 26 दिनों में इलाके के 4 लोगों को बाघ अपना निवाला बना चुका है। खासकर गन्ने के खेतों में बाघों के शिकार की घटनाओं ने ग्रामीणों की चिंता बढ़ा दी है। वन विभाग ने बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा लगाया है, लेकिन इसके बावजूद बाघों के हमलों में कमी आती नजर नहीं आ रही है।

अधिकारी बोले- ग्रामीण नहीं मान रहे बात
लखीमपुर खीरी के वन अधिकारी संजीव तिवारी ने बताया कि बाघ और तेंदुए अक्सर जंगल से निकलकर गन्ने के खेतों में ठिकाना बना लेते हैं क्योंकि वहां शिकार करना उनके लिए आसान होता है। उन्होंने कहा कि गन्ने की फसल बाघों को पकड़ने में बाधा डालती है। वन विभाग ने गन्ने की बुआई पर रोक लगाने की अपील की है, लेकिन स्थानीय किसान अपनी फसल की परवाह करते हुए इसे मानने को तैयार नहीं हैं। इससे बाघों के हमलों की समस्या और भी गंभीर होती जा रही है।

कई मौतों से इलाके में हड़कंप
चार अगस्त को गोला वन रेंज की पश्चिमी बीट में एक दुखद घटना घटी, जब 12 वर्षीय एक बालिका, जो पशुओं के लिए घास छील रही थी, बाघ के शिकार का शिकार बन गई। बाघ ने उसे खींच लिया और उसकी अधखाई लाश गन्ने के खेत से बरामद की गई। इससे पहले, 2 अगस्त की शाम को शारदा नगर रेंज के मैनहा गांव में एक 9 वर्षीय बालक तेंदुए का शिकार बन गया था। बालक पशुओं के लिए चारा लेने गया था, लेकिन तेंदुए ने उसे पकड़ लिया और उसका अधखाया शव गन्ने के खेत से पाया गया। इसी प्रकार, एक अगस्त की शाम को खीरी थाना क्षेत्र में एक और त्रासदी सामने आई जब तेंदुए ने घर के सामने से 10 वर्षीय बच्चे को खींच लिया और उसकी जान ले ली। बच्चे का अधखाया शव पास ही के गन्ने के खेत से बरामद किया गया।

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