लखनऊ की हाईकोर्ट बेंच ने शिक्षा के अधिकार कानून के तहत प्रारंभिक शिक्षा पर सर्वेक्षण कराने के आदेश का अनुपालन न होने पर सख्त रुख अपनाया है।
लखनऊ बेंच हाईकोर्ट ने वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए दिया आदेश : शिक्षा अधिकार कानून के अनुपालन में देरी पर अपनाया सख्त रुख
Sep 02, 2024 02:30
Sep 02, 2024 02:30
न्यायालय ने मुख्य सचिव को दिया निर्देश
यह आदेश न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने महेंद्र नाथ राय की जनहित याचिका पर पारित किया। याचिका में यह आरोप लगाया गया था कि शिक्षा के अधिकार के अंतर्गत सभी बच्चों को प्रारंभिक शिक्षा प्रदान करने की अनिवार्यता के प्रावधानों का पूरी तरह से पालन नहीं हो रहा है। इस पर न्यायालय ने 30 अप्रैल 2024 को अपर मुख्य सचिव को निर्देश दिए थे कि वे पूरे प्रदेश में बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा को लेकर एक सर्वेक्षण कराएं।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जरिए सुनवाई
न्यायालय के आदेश के कई महीने बीत जाने के बावजूद इस आदेश का अनुपालन न होने पर न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला ने अपनी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह स्थिति काफी गंभीर है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने आदेश दिया कि अपर मुख्य सचिव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल होकर स्पष्ट करें कि आदेश का अनुपालन क्यों नहीं हुआ।
अदालत का सख्त रुख
अदालत का यह सख्त रुख शिक्षा व्यवस्था की स्थिति में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह आदेश अधिकारियों को स्पष्ट संदेश देता है कि वे न्यायालय के आदेशों का पालन सुनिश्चित करें और यदि कोई देरी होती है तो उसके कारण स्पष्ट करें। इस प्रकार के निर्देशों से यह उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में प्रारंभिक शिक्षा की स्थिति में सुधार होगा और बच्चों को उनकी शिक्षा के अधिकार मिलेंगे।
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