विभिन्न तकनीकों में ग्रीन गैस कनेक्शन के नाम पर ठगी सबसे आम है। इसके अलावा, सीबीआई अधिकारी बनकर धोखाधड़ी, लकी ड्रा के नाम पर ठगी, और फर्जी पहचान से रिश्तेदारों से पैसे...
साइबर अपराध की बढ़ती लहर : लखनऊ में रोजाना होती है करोड़ों की ठगी, न्यायपालिका से प्रशासन तक, कोई नहीं सुरक्षित
Jul 18, 2024 16:16
Jul 18, 2024 16:16
- साइबर अपराध की घटनाएं चिंता का विषय हैं
- पिछले छह माह में 4500 मामले दर्ज हुए
- एकेटीयू संस्था के खाते से 120 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई
न्यायाधीश से लेकर मुख्य सचिव तक निशाने पर
साइबर अपराधियों का जाल किसी को नहीं छोड़ रहा है। उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों से लेकर मुख्य सचिव, पुलिस अधिकारियों से लेकर आम नागरिक तक, सभी इन अपराधियों के निशाने पर हैं। ये अपराधी अपने शिकार को बातों में उलझाकर उनके खातों को खाली कर देते हैं। एक चौंकाने वाली घटना में, लखनऊ की एकेटीयू संस्था के खाते से 120 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की गई, हालांकि तत्परता से कार्रवाई करते हुए 119 करोड़ रुपये बचा लिए गए।
ग्रीन गैस कनेक्शन के नाम पर सबसे ज्यादा ठगी
साइबर अपराधियों द्वारा अपनाई जा रही विभिन्न तकनीकों में ग्रीन गैस कनेक्शन के नाम पर ठगी सबसे आम है। इसके अलावा, सीबीआई अधिकारी बनकर धोखाधड़ी, लकी ड्रा के नाम पर ठगी, और फर्जी पहचान से रिश्तेदारों से पैसे मांगने जैसे तरीके भी अपनाए जा रहे हैं। साइबर थाने में दर्ज मामलों में एक करोड़ रुपये से अधिक की ठगी के केस शामिल हैं। साइबर सेल के अधिकारियों के अनुसार, ये अपराधी क्षेत्रवार विशेषज्ञता रखते हैं। उदाहरण के लिए, ट्रेडिंग संबंधी धोखाधड़ी में दिल्ली, नासिक और इंदौर के अपराधी माहिर हैं। वहीं, भरतपुर, मेवात और मथुरा के अपराधी सीबीआई अधिकारी बनकर लोगों को ठगते हैं। सोशल मीडिया पर खरीदारी और एटीएम से धोखाधड़ी में जामताड़ा का गिरोह सक्रिय है।
कई गिरोह सक्रिय
उत्तर प्रदेश में कई अंतरराष्ट्रीय गिरोह भी सक्रिय हैं। इनमें जामताड़ा का इनामी योजना के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह, नाइजीरिया का विवाह के नाम पर धोखाधड़ी करने वाला गिरोह, और दिल्ली का फ्रैंचाइजी के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह शामिल हैं। इसके अलावा, नोएडा, लखनऊ और कानपुर में बैंक खातों से संबंधित अपडेट के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह भी सक्रिय हैं।
जनता को सर्तक रहने की जरूरत
इस बढ़ती समस्या से निपटने के लिए, पुलिस और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ मिलकर काम कर रहे हैं। साथ ही जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है। अपनी व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय संपत्ति को सुरक्षित रखने के लिए कुछ मूलभूत सावधानियां बरतना आवश्यक है। सबसे पहले, अपनी निजी जानकारी को सार्वजनिक मंचों पर साझा करने से बचें और सोशल मीडिया या अन्य ऑनलाइन खातों में लॉग इन करते समय 'कीप मी लॉग इन' या 'रिमेंमबर मी' विकल्पों का चयन न करें। मजबूत पासवर्ड बनाएं जो आसानी से अनुमान न लगाए जा सकें, और विभिन्न सेवाओं के लिए अलग-अलग पासवर्ड का उपयोग करें। साथ ही, दो-चरणीय सत्यापन जैसी अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाओं का लाभ उठाएं।
ऑनलाइन लेनदेन में रहें सावधान
ऑनलाइन लेनदेन और ब्राउज़िंग के दौरान सावधानी बरतना महत्वपूर्ण है। केवल सुरक्षित वेबसाइटों का उपयोग करें, जिनका URL "https" से शुरू होता है। अनजान स्रोतों से प्राप्त ईमेल अटैचमेंट या पॉप-अप विज्ञापनों पर क्लिक करने से बचें। शॉपिंग या बैंकिंग के लिए सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग न करें। ऑनलाइन बैंकिंग के लिए, URL को मैनुअल रूप से टाइप करें और लेनदेन पूरा होने के बाद हमेशा लॉग आउट करें। किसी भी परिस्थिति में अपना OTP, CVV, या PIN नंबर किसी के साथ साझा न करें, भले ही वे बैंक या सरकारी अधिकारी होने का दावा करें।
इसके अलावा, अपने डिजिटल उपकरणों और ऑनलाइन खातों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कुछ अतिरिक्त कदम उठाएं। नि:शुल्क सॉफ़्टवेयर डाउनलोड करने से पहले उसकी प्रामाणिकता की जांच करें। काम पूरा होने के बाद अपने उपकरणों को सही ढंग से बंद करें। केवल आधिकारिक वेबसाइटों या अधिकृत केंद्रों के माध्यम से अपने वॉलेट और KYC का अपडेट कराएं। ग्राहक सेवा नंबरों के लिए केवल आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें।
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