मिडिल ईस्ट में बढ़ते विवाद का असर यूपी के व्यापारियों पर पड़ रहा है। पीतलनगरी हस्तशिल्प उद्योग के लिए देश-दुनिया में मशहूर मुरादाबाद के निर्यात में भारी गिरावट देखने को मिली है। मुरादाबाद पिछले एक साल से व्यापार उतार-चढ़ाव देख रहा है...
मिडिल ईस्ट तक मुरादाबाद के पीतल की धूम : देशों में तनाव के कारण निर्यात में भारी गिरावट, व्यापारी तलाश रहे नए विकल्प
Oct 06, 2024 18:27
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विभिन्न क्षेत्रों में हाथ आजमाने लगे निर्यातक
निर्यात में पिछले साल से चल रहे उतार-चढ़ाव के बीच निर्यातक अब विभिन्न क्षेत्रों में हाथ आजमाने लगे हैं। मुरादाबाद के लगभग 20 प्रतिशत निर्यातक प्रॉपर्टी, होटल, और रेस्टोरेंट जैसे अन्य कारोबार में शामिल हो चुके हैं। वहीं, अन्य निर्यातक भी उनके कदमों पर चलने की योजना बना रहे हैं। पीतलनगरी का हस्तशिल्प उद्योग देश और विदेश में प्रसिद्ध है। इस उद्योग से शहर के करीब 2400 छोटे और बड़े निर्यातक जुड़े हुए हैं, जो मुरादाबाद के हस्तशिल्प को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक अलग पहचान दिलाते हैं।
हर साल औसतन 8 से 9 हजार करोड़ का निर्यात
मुरादाबाद जिले से हर साल औसतन 8 से 9 हजार करोड़ का निर्यात होता है, जिसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी अमेरिका की है। लेकिन पिछले एक साल से निर्यात में उतार-चढ़ाव जारी है। कभी रूस-यूक्रेन युद्ध ने कारोबार पर असर डाला, तो कभी इजराइल-हमास संघर्ष ने रुकावट पैदा की। इसके अलावा, अमेरिका की आर्थिक मंदी ने भी निर्यात को प्रभावित किया है। परिणामस्वरूप, पिछले पांच महीनों में निर्यात में लगभग 50 प्रतिशत की गिरावट आई है। इस गिरावट ने निर्यातकों को अन्य क्षेत्रों में विस्तार करने की प्रेरणा दी है।
व्यवसायों में भी रखा कदम
हस्तशिल्प उद्योग के साथ-साथ, निर्यातकों ने होटल, रेस्टोरेंट, रिसॉर्ट, स्कूल, कॉलेज और हॉस्पिटल जैसे व्यवसायों में भी कदम रखा है। ये कारोबार मुरादाबाद के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी शुरू किए गए हैं।पिछले कुछ समय से निर्यात में गिरावट आई है, जिसके कई कारण हैं। इनमें रूस-यूक्रेन युद्ध, इजराइल-हमास संघर्ष, अमेरिका में आर्थिक मंदी, कंटेनरों की कीमतों में तीन गुना वृद्धि, स्थानीय स्तर पर कच्चे माल की कीमतों में 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी, और चीन के बंद बाजार का खुलना शामिल हैं। आगे की स्थिति भी अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। इन चुनौतियों के कारण निर्यातक अन्य क्षेत्रों में विस्तार कर रहे हैं, ताकि निर्यात के उतार-चढ़ाव का कारोबार पर अधिक प्रभाव न पड़े।
दहेज से लेकर पूजा तक का सामान...
यूपी का मुरादाबाद पूरे विश्व में "पीतल नगरी" के रूप में प्रसिद्ध है। यहां के पीतल के उत्पाद देश और विदेश में निर्यात किए जाते हैं। मुरादाबाद के कोतवाली सदर क्षेत्र में एक बर्तन बाजार है, जहां आपको शादी में दहेज में इस्तेमाल होने वाले पीतल के बर्तन, पूजा के लिए घंटियां, विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां और घर को सजाने के लिए सजावटी सामान सहित बड़ी-बड़ी मूर्तियां किफायती दामों पर मिल जाएंगी। इस बाजार में जाने पर आपको एक अलग ही रौनक का अनुभव होता है, क्योंकि हर तरफ पीतल के उत्पाद बिखरे पड़े होते हैं।
ऑनलाइन भी खरीदारी कर सकते हैं ग्राहक
यह शहर का बर्तन बाजार विश्व प्रसिद्ध है, जहां आपको हर प्रकार का पीतल का उत्पाद मिल जाएगा। जो भी पुराना पीतल का सामान प्रचलित है, वह यहां उपलब्ध है। हालांकि, पूरा जिला "पीतल नगरी" के नाम से जाना जाता है, लेकिन अब तांबा और कांसा भी लोकप्रिय हो गए हैं। इस मार्केट में अधिकांश उत्पाद पीतल के होते हैं। इस बाजार में खाना बनाने के लिए सभी प्रकार के पीतल के बर्तन उपलब्ध हैं, साथ ही पूजा से संबंधित वस्तुएं भी मिल जाती हैं। ग्राहक ऑनलाइन भी खरीदारी कर सकते हैं।
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दीपावली पर बिक्री बेहतर होने का उम्मीद
वहीं दीपावली के करीब आते ही, मुरादाबाद के पीतल कारीगर लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियों का निर्माण कर रहे हैं, जो ग्राहकों में काफी पसंद की जा रही हैं। इस बार इन मूर्तियों की मांग पूरे देश में बढ़ती हुई नजर आ रही है। कारोबारियों को उम्मीद है कि इस साल पिछले साल की तुलना में बिक्री बेहतर होगी। लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां विभिन्न आकारों में उपलब्ध हैं और भारत के विभिन्न हिस्सों से होलसेल ग्राहक मुरादाबाद आकर इन्हें खरीद रहे हैं। इन मूर्तियों की कीमत 100 रुपये से लेकर 25,000 रुपये तक होती है, जिससे सभी प्रकार के ग्राहक अपनी पसंद के अनुसार मूर्तियां चुन सकते हैं। इसके अलावा, ग्राहक ऑर्डर देकर अपनी मनपसंद डिज़ाइन की मूर्तियां भी बनवा सकते हैं, जिनकी कीमत मूर्ति के आकार और डिज़ाइन के आधार पर निर्धारित की जाती है।
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