इस परियोजना की कुल लागत लगभग 4700 करोड़ रुपये है और इसे भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। एलिवेटेड रोड के निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे मजबूत गर्डर तैयार किए जा रहे हैं। सड़क का एक हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग 25 की तरह ही मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है, जिससे वाहनों की सुरक्षा और यात्रा का अनुभव और बेहतर होगा।
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का 75 प्रतिशत काम पूरा : तय समय से पहले मार्च 2025 से दौड़ेंगे वाहन, सफर होगा आसान
Oct 27, 2024 19:10
Oct 27, 2024 19:10
63 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे में 18 किमी एलिवेटेड और 45 किमी ग्रीन फील्ड मार्ग
इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 63 किलोमीटर होगी, जिसमें 18 किलोमीटर का हिस्सा एलिवेटेड और शेष 45 किलोमीटर का ग्रीन फील्ड रूट है। इस परियोजना के अंतर्गत तीन बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और छह फ्लाईओवर का निर्माण किया जा रहा है। इससे लखनऊ और कानपुर के बीच यात्रा का समय काफी घट जाएगा और यातायात भी सुगम बनेगा।
शहीद पथ से नवाबगंज तक का सफर होगा आसान
यह एक्सप्रेसवे लखनऊ में शहीद पथ से शुरू होकर कानपुर के नवाबगंज तक जाएगा। इस मार्ग में बंथरा, बनी, दतौली कांठा, तौरा, नेओरना, अमरसास और रावल जैसे प्रमुख क्षेत्र आएंगे। यह नया रूट बनने से लखनऊ-कानपुर के मुख्य मार्ग पर ट्रैफिक दबाव कम होगा और यात्रियों के लिए एक वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध होगा।
4700 करोड़ रुपये की लागत, आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल
इस परियोजना की कुल लागत लगभग 4700 करोड़ रुपये है और इसे भारतमाला परियोजना के तहत बनाया जा रहा है। एलिवेटेड रोड के निर्माण में आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे मजबूत गर्डर तैयार किए जा रहे हैं। सड़क का एक हिस्सा राष्ट्रीय राजमार्ग 25 की तरह ही मानकों के अनुसार बनाया जा रहा है, जिससे वाहनों की सुरक्षा और यात्रा का अनुभव और बेहतर होगा।
120 की रफ्तार से दौड़ सकेंगे वाहन
45 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे 6-लेन का होगा, जिस पर वाहन अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकेंगे। यह मार्ग औद्योगिक विकास के लिए भी सहायक सिद्ध होगा, जिससे लखनऊ-कानपुर के आसपास के इलाकों में भी आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
एक्सप्रेसवे से जुड़ेंगे 14 गांव
लखनऊ के 14 गांव इस एक्सप्रेसवे से जुड़े होंगे। इन गांवों में अमौसी, बनी, बंथरा, सिकंदरपुर, बेहसा, फरुखाबाद, चिल्लावां, गेहरू, गौरी, खांडेदेव, मीरनपुर पिनवट, नटकुर और सराय शहजारी शामिल हैं। इन गांवों से एक्सप्रेसवे गुजरने से स्थानीय लोगों को आवागमन की बेहतर सुविधा मिलेगी और इस क्षेत्र में विकास की संभावनाएं भी बढ़ेंगी।
जल्द ही पूरी होगी परियोजना
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। निर्माण एजेंसी को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं कि परियोजना मार्च 2025 तक पूरी हो जाए। एनएचएआई के परियोजना निदेशक सौरभ कन्नौजिया ने बताया कि इस परियोजना के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि यह समय पर पूरा हो सके।
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