वकील ने बुक की लखनऊ से बेंगुलरु की फ्लाइट : टिकट में जोड़ ली गई 'Cute' फीस, पूछा- 'क्या क्यूट होना गुनाह है?'

टिकट में जोड़ ली गई 'Cute' फीस, पूछा- 'क्या क्यूट होना गुनाह है?'
UPT | टिकट में जोड़ ली गई 'Cute' फीस

Aug 20, 2024 18:06

लखनऊ से बेंगलुरु की फ्लाइट का टिकट बुक करने वाले वकील ने टिकट में 'क्यूट फीस' देखकर हैरानी जताई और मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या यह शुल्क यात्रियों की 'क्यूटनेस' या विमान की 'क्यूटनेस' के लिए है।

Aug 20, 2024 18:06

Short Highlights
  • लखनऊ से बेंगुलरु की फ्लाइट टिकट पर बवाल
  • टिकट में जोड़ ली गई 'Cute' फीस
  • विवाद होने पर एयरलाइन ने दी सफाई
Lucknow News : हाल ही में एक यात्री ने इंडिगो एयरलाइंस के टिकट में 'क्यूट फीस' के चार्ज को लेकर सवाल उठाया, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया। लखनऊ से बेंगलुरु की फ्लाइट का टिकट बुक करने वाले वकील ने टिकट में 'क्यूट फीस' देखकर हैरानी जताई और मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या यह शुल्क यात्रियों की 'क्यूटनेस' या विमान की 'क्यूटनेस' के लिए है। इस अनोखे चार्ज के बारे में पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिसमें लाखों लोग इसे देख चुके हैं और इसकी व्याख्या की मांग की जा रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला
दरअसल एक सोशल मीडिया यूजर श्रेयांश सिंह ने इंडिगो के टिकट का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें 'क्यूट चार्ज' को लेकर सवाल उठाए गए थे। टिकट में 50 रुपये का 'क्यूट चार्ज' दिखाया गया था, इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय कनेक्टिविटी शुल्क, विमानन सुरक्षा शुल्क, यूजर डेवलपमेंट फीस, और जीएसटी भी शामिल थे। इस चार्ज को लेकर उठे विवाद पर इंडिगो ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि यह शुल्क हवाईअड्डे पर इस्तेमाल होने वाले उपकरणों के लिए है, न कि किसी व्यक्तिगत या मनोवैज्ञानिक पहलू के लिए।
 
एयरलाइन ने दी सफाई
इंडिगो एयरलाइंस ने 'क्यूट फीस' को लेकर सफाई दी है कि यह चार्ज वास्तव में 'कॉमन यूजर टर्मिनल इक्विपमेंट' (CUTE) शुल्क है, जो हवाईअड्डे पर उपयोग किए जाने वाले उपकरणों जैसे मेटल डिटेक्टर और एस्केलेटर के लिए लिया जाता है। कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह चार्ज यात्रियों की सुरक्षा या विमान की स्थिति से संबंधित नहीं है। इसके साथ ही, 'यूजर डेवलपमेंट फीस' और 'एविएशन सिक्योरिटी फीस' के बारे में भी इंडिगो ने स्पष्टीकरण दिया है, जिसमें बताया गया कि ये शुल्क एयरपोर्ट की बुनियादी ढांचे और सुरक्षा के लिए हैं।

अन्य चार्ज क्यों लिए जाते हैं?
'क्यूट फीस' तो आपको समझ आ गई, लेकिन क्या आपको पता है कि दूसरे चार्ज क्यों लिए जाते हैं? सबसे पहले बात यूजर डेवलपमेंट फीस की। फ्लाइट ट्रेवल के दौरान लगने वाला 'यूजर डेवलपमेंट फीस' एक आम शुल्क है जो एयरपोर्ट्स के रखरखाव और उन्नयन के लिए लिया जाता है। इस शुल्क का उद्देश्य एयरपोर्ट उपयोगकर्ताओं के अनुभव को बेहतर बनाना है, यानी यात्रियों को सुविधाजनक और आधुनिक सेवाएं प्रदान करना। इस फीस के जरिए एयरपोर्ट के बुनियादी ढांचे को सुधारने और उसे आधुनिक बनाने के लिए आवश्यक संसाधन जुटाए जाते हैं। यह शुल्क एयरपोर्ट की स्थिति और सुविधाओं के आधार पर अलग-अलग हो सकता है, और यह सुनिश्चित करता है कि यात्रियों को एक बेहतर यात्रा अनुभव मिले।

पैसेंजर सर्विस फीस और सिक्योरिटी फीस समझिए
अब बात पैसेंजर सर्विस फीस और सिक्योरिटी फीस की। पैसेंजर सर्विस फीस एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) एयरपोर्ट पर प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और सुरक्षा के लिए यात्रियों से वसूलती है। इस शुल्क के दो मुख्य हिस्से होते हैं। पहले हिस्से में सुरक्षा से संबंधित घटक शामिल होता है, जो कुल शुल्क का 65 प्रतिशत होता है। दूसरे हिस्से में सुविधाओं का सुधार और प्रबंधन आता है, जो शुल्क का 35 प्रतिशत हिस्सा होता है। इस तरह, शुल्क का अधिकांश भाग सुरक्षा के लिए और बाकी हिस्सा यात्रियों को बेहतर सेवाएं देने के लिए उपयोग किया जाता है। वहीं जब भी हम फ्लाइट से यात्रा करते हैं, भारत के एयरपोर्ट्स पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तैनाती होती है। यह एक पैरामिलिट्री बल है, जो एयरपोर्ट्स की सुरक्षा का प्रमुख जिम्मेदार है। यात्रियों से सुरक्षा के खर्च की भरपाई के लिए 'पैसेंजर सिक्योरिटी फीस' वसूली जाती है।

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