सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जय प्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र (JPNIC) जाने से रोकने पर उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर की प्रतिक्रिया सामने आई है। इस मामले से राज्य में राजनीतिक माहौल गरमा गया है...
सपा मुखिया को JPNIC जाने से रोकने पर ओपी राजभर ने दी प्रतिक्रिया : बोले-सरकार को है अखिलेश की चिंता
Oct 12, 2024 01:20
Oct 12, 2024 01:20
सरकार को है अखलेश की चिंता
11 नवंबर को लोकनायक जय प्रकाश नारायण की जयंती मनाने के लिए शुक्रवार को लखनऊ और प्रयागराज में सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक हुई। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब JPNIC जाने वाले थे, तब योगी सरकार ने वहां की सुरक्षा बढ़ाते हुए गेट को ढक दिया। अखिलेश यादव को जेपीएनआईसी जाने से रोकने पर यूपी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर प्रतिक्रिया समाने आई है। मंत्री ओम प्रकाश ने कहा कि राज्य सरकार अखिलेश यादव की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। बारिश का मौसम है और JPNIC की सफाई नहीं हुई है, इसलिए कुछ भी हो सकता है। अगर वह कहते हैं कि भाजपा-एनडीए सरकार महान हस्तियों का सम्मान नहीं करती है, तो 4 बार सपा सत्ता में रही है - क्या वह सिर्फ एक तस्वीर दिखा सकते हैं जहां राजा सुहेलदेव या संत रविदास की मूर्तियां स्थापित की गई हों वह नहीं दिखा सकते। एनडीए सरकार में- वल्लभभाई पटेल, राजा सुहेलदेव और बीआर अंबेडकर की मूर्तियां स्थापित की गईं हैं। अभी वो पाकिस्तान का पानी पीकर आए हैं इसलिए उनको सिर्फ विरोध दिखता है उनको सरकार के काम नहीं दिखते हैं।
कुछ छुपाना चाह रही है सरकार
JPNIC के गेट को ढकने पर अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार टीन शेड लगाकर कुछ छिपाना चाह रही है। उन्होंने आशंका जताई कि क्या सरकार इस स्थान को किसी को बेचने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि हर साल जय प्रकाश जयंती पर समाजवादी लोग यहां इकट्ठा होते हैं, यह कोई पहली बार नहीं है। कहीं ऐसा तो नहीं कि JPNIC की बिक्री की योजना बनाई जा रही हो? राजधानी लखनऊ में अखिलेश यादव को उनके घर के बाहर रोक दिया गया। इस दौरान पुलिस और पैरामिलिट्री फोर्स की तैनाती की गई थी। इससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।
दो नहीं चार साल इंतजार करना होगा अखिलेश को
ओपी राजभर ने अखिलेश यादव के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि आगामी 'एक देश, एक चुनाव' कानून के कारण अब उन्हें दो नहीं, बल्कि चार साल तक इंतजार करना होगा। राजभर ने यह भी कहा कि अतिपिछड़ा वर्ग के लोग भी इस इंतजार में हैं कि वे अखिलेश यादव के खिलाफ वोट देंगे। उनका यह बयान रोहिणी आयोग की रिपोर्ट के संदर्भ में है, जिसमें उल्लेख किया गया है कि सरकार को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए। गौरतलब है कि मोदी सरकार ने हाल ही में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित 'एक देश, एक चुनाव' समिति की रिपोर्ट को मंजूरी दी है। इसके बाद उम्मीद जताई जा रही है कि सरकार जल्द ही इस समिति की सिफारिशों पर कोई बड़ा कदम उठाएगी।
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