माया के मन में 'मोहन' : एक लंच ने झटके में टाल दिया था एफडीआई के मुद्दे का संकट

एक लंच ने झटके में टाल दिया था एफडीआई के मुद्दे का संकट
UPT | मायावती

Dec 27, 2024 14:40

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा सदमा है। देशभर के राजनीतिक दलों के नेता उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं...

Dec 27, 2024 14:40

Lucknow News : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन भारतीय राजनीति के लिए एक बड़ा सदमा है। देशभर के राजनीतिक दलों के नेता उनके योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी  की सुप्रीमो मायावती ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया और उन्हें भारतीय अर्थव्यवस्था के सुधार में अहम भूमिका निभाने वाला एक नेक इंसान बताया। मायावती ने अपने शोक संदेश में कहा कि, "देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का आज रात निधन होने की खबर अति-दुखद है। भारत की अर्थव्यवस्था सुधार में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा। वे नेक इंसान थे और उनके परिवार व सभी चाहने वालों के प्रति मेरी गहरी संवेदना है।

मायावती ने राजनीतिक घटना को किया याद
इसके अलावा मायावती ने एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना को भी याद किया, जो उनके और मनमोहन सिंह के बीच साल 2012 में घटी थी। यह घटना उस समय की है जब भारतीय राजनीति में विदेशी निवेश (FDI) के मुद्दे पर गहरी हलचल मची हुई थी। उस समय बसपा समेत कई अन्य दलों ने सरकार के प्रस्ताव के खिलाफ विरोध जताया था। मनमोहन सिंह की सरकार ने एफडीआई को भारतीय खुदरा क्षेत्र में अनुमति देने का निर्णय लिया था। जिससे देश की राजनीतिक स्थिति में तनाव पैदा हो गया था। तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने खुलेआम इस प्रस्ताव का विरोध किया और सरकार के खिलाफ संसद में प्रस्ताव लाने की धमकी दी। ऐसी स्थिति में मनमोहन सिंह को अपने सहयोगियों की मदद की आवश्यकता थी, ताकि वह संसद सत्र में उत्पन्न होने वाले राजनीतिक संकट से निपट सकें।



मनमोहन ने मायावती को लंच पर बुलाया था
मनमोहन सिंह ने समझदारी से काम लेते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती को दिल्ली में अपने आवास पर लंच पर बुलाया। यह मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण साबित हुई। इस बैठक के बाद मायावती का रुख नरम हो गया और उन्होंने सरकार के खिलाफ अपने विरोध को कम कर दिया। हालांकि, उन्होंने मीडिया के सामने इसे एक सामान्य राजनीतिक बैठक बताते हुए ज्यादा तवज्जो नहीं दी और कहा कि "राजनीति में लंच, डिनर और बैठकें नियमित रूप से होती रहती हैं। इन्हें संसद सत्र से नहीं जोड़ा जाना चाहिए।

मनमोहन की सरकार को दिया था समर्थन
मायावती ने एफडीआई पर अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि उनका मत वही रहेगा, जो उन्होंने पार्टी की रैली में व्यक्त किया था। फिर भी उन्होंने मनमोहन सिंह की सरकार को समर्थन जारी रखा, जिससे सरकार को राहत मिली और एफडीआई के मुद्दे पर संकट टल गया। आज जब डॉ. मनमोहन सिंह इस दुनिया में नहीं रहे, उनके योगदान और नेतृत्व की सराहना हर किसी द्वारा की जा रही है। उनके नेतृत्व में भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिली और देश ने आर्थिक सुधारों की दिशा में कई अहम कदम उठाए। राजनीति में उनकी शांति और समझदारी के कारण उन्हें एक प्रभावी और सम्मानित नेता माना जाता था।

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