सपा के समर्थन से बची थी पूर्व पीएम की कुर्सी : मुलायम बने थे मनमोहन सिंह की सरकार के संकटमोचक

मुलायम बने थे मनमोहन सिंह की सरकार के संकटमोचक
UPT | सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह

Dec 27, 2024 14:10

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया जिससे देशभर में शोक की लहर है। उनके निधन पर तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है...

Dec 27, 2024 14:10

Lucknow News : पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार को दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया जिससे देशभर में शोक की लहर है। उनके निधन पर तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की है। उनके नेतृत्व में भारतीय राजनीति ने कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे,और उनकी नीतियों ने देश को एक नई दिशा दी। लेकिन एक समय था जब मनमोहन सिंह की सरकार पर गंभीर संकट आ गया था और इस मुश्किल घड़ी में समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव उनके संकटमोचक बने थे।

मनमोहन की कुर्सी पर मंडरा रहा था खतरा
यह घटना साल 2008 की है जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस) की सरकार केंद्र में सत्तारूढ़ थी। उस समय सरकार वामपंथी दलों और समाजवादी पार्टी के समर्थन से चल रही थी। लेकिन अमेरिका से न्यूक्लीयर डील को लेकर सरकार पर खतरा मंडराने लगा। वामपंथी दल और समाजवादी पार्टी इस डील का विरोध कर रहे थे और उनका विरोध इतना बढ़ गया था कि मनमोहन सिंह की सरकार को गिरने का डर पैदा हो गया था।



मुलायम ने किया था मनमोहन का समर्थन
मनमोहन सिंह जो इस डील के पक्षधर थे, किसी भी कीमत पर अपने फैसले से पीछे हटने को तैयार नहीं थे। वामपंथी दलों ने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया जिससे यूपीए सरकार के अस्तित्व पर संकट गहरा गया। इस स्थिति में सबकी नजरें समाजवादी पार्टी पर टिकी थीं। अगर समाजवादी पार्टी भी अपना समर्थन वापस ले लेती तो सरकार गिर सकती थी। यहां पर मुलायम सिंह यादव की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो गई। मुलायम सिंह यादव उस समय वामपंथी दलों के साथ खड़े थे और उनकी स्थिति यह थी कि वे भी मनमोहन सिंह की सरकार के खिलाफ थे। लेकिन कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच एक अहम मध्यस्थ बने अमर सिंह। अमर सिंह जो उस समय मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी थे ने दोनों पक्षों के बीच सुलह का रास्ता खोला।

देशहित में बताया था यह फैसला
कहा जाता है कि अमर सिंह ने मुलायम सिंह से मुलाकात की और उन्हें मनाने की कोशिश की कि वह यूपीए सरकार का समर्थन करें। अमर सिंह की बातों का मुलायम सिंह पर गहरा असर पड़ा और इसके बाद उन्होंने अपना रुख बदलते हुए सरकार का समर्थन करने का निर्णय लिया। इस फैसले के बाद यूपीए सरकार बच गई और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कुर्सी खतरे से बाहर आ गई। मुलायम सिंह यादव ने इस फैसले को देशहित में लिया हुआ कदम बताया था। उनका यह समर्थन मनमोहन सिंह की सरकार के लिए संकट से उबरने का कारण बना और इस तरह मुलायम सिंह यादव एक संकटमोचक के रूप में उभर कर सामने आए।

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