उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसके तहत, सरकार प्रदेश के 8 प्रमुख विश्वविद्यालयों में 58 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना बना रही है...
योगी सरकार की नई पहल : यूपी के 8 विश्वविद्यालयों में बनेंगे 58 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, जानें क्या है इसका उद्देश्य
Sep 24, 2024 15:19
Sep 24, 2024 15:19
शैक्षिक गुणवत्ता में होगा सुधार
प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री, योगेंद्र उपाध्याय ने स्पष्ट किया कि योगी सरकार प्रदेश के विश्वविद्यालयों को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करने के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना से छात्रों को शोध और तकनीकी विशेषज्ञता में नई संभावनाएं मिलेंगी, जिससे विश्वविद्यालयों की शैक्षिक गुणवत्ता में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य उद्देश्य युवाओं को ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां वे विश्वस्तरीय शिक्षा और संसाधनों का लाभ उठाकर अपने करियर को नई दिशा दे सकें।
"सेंटर ऑफ एक्सीलेंस" योजना के तहत प्रदेश के प्रमुख विश्वविद्यालयों को एकीकृत किया जा रहा है। इस पहल में निम्नलिखित विश्वविद्यालयों को शामिल किया गया है :
- महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखण्ड विश्वविद्यालय, बरेली
- वीर बहादुर सिंह पूर्वाचल विश्वविद्यालय, जौनपुर
- लखनऊ विश्वविद्यालय
- डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय, अयोध्या
- ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ
- महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी
- डॉ. राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, लखनऊ
- छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय, कानपुर
छात्रों के शैक्षिक विकास को मिलेगा प्रोत्साहन
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस योजना के तहत राज्य के विश्वविद्यालयों में प्रोजेक्ट फेलो के साथ-साथ अत्याधुनिक शोध उपकरण, पुस्तकालयों का विकास और डिजिटल संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। यह पहल न केवल छात्रों के शैक्षिक विकास को बढ़ावा देगी, बल्कि उन्हें उद्योग और अनुसंधान क्षेत्र में नए अवसरों से भी जोड़ेगी। इस योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे, जो प्रभावी रहेंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर इन दिशा-निर्देशों के अनुसार कार्यक्रमों की निगरानी की जाएगी और शासन को नियमित रूप से सूचित किया जाएगा।
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