केंद्र सरकार ने 21 जून 2024 को एंटी पेपर लीक कानून को लागू किया है। इस कानून का उद्देश्य प्रतियोगी परीक्षाओं में हो रही अनियमितताओं को रोकना और नकल माफिया पर अंकुश लगाना है।
Anti-Paper Leak Law : लखनऊ के छात्र बोले -कानून के पालन पर जोर दे सरकार
Jun 24, 2024 02:11
Jun 24, 2024 02:11
- कानून का सख्ती से पालन कराया जाना जरूरी
- लंबित भर्तियों को जल्द पूरा करने की मांग
लंबित भर्तियों को जल्द पूरा करने की मांग
उत्तर प्रदेश टाइम्स की टीम ने लखनऊ में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों और शिक्षकों से इस कानून के बारे में चर्चा की। छात्रों ने पेपर लीक की घटनाओं पर नाराजगी जाहिर की और सरकार से इस नए कानून के सख्ती से पालन की मांग की। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि लंबित भर्तियों को जल्द से जल्द बहाल किया जाए। इंदिरा नगर स्थित टारगेट एकेडमी से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही छात्रा आकांक्षा सिंह ने कहा, कानून बना देने से ही काम नहीं होगा, इसके लिए सरकार को इस कानून का सख्ती से पालन भी कराना होगा। प्रतियोगी परीक्षाओं को आयोजित करने वाली संस्थाओं पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बनानी होगी। वहीं, छात्र अमित चौधरी ने सरकार से अनुरोध किया कि लंबित भर्तियों को जल्द पूरा किया जाए और पेपर लीक की समस्याओं पर सख्त कार्रवाई की जाए ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित रहे।
शैक्षिक संस्थानों में ईमानदार अधिकारियों की जरुरत
एकेडमी के अंग्रेजी शिक्षक रवि यादव ने कहा, "सरकार को नियम बनाने से पहले प्रशासन में भ्रष्ट अधिकारियों और संस्थाओं पर एक्शन लेना चाहिए। कानून, अपराध होने के बाद नहीं, बल्कि अपराध को होने से पहले रोकने के लिए होना चाहिए, ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रहे।" साइकोलॉजी शिक्षक विपिन वर्मा ने कहा कि सरकार को नियमों के सख्ती से पालन और उच्च शैक्षिक संस्थानों में ईमानदार अधिकारियों की भर्ती पर ध्यान देना चाहिए।
इन प्रतियोगी परीक्षाओं पर लागू होगा कानून
देशभर में पेपर लीक को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच 21 जून 2024 को केंद्र सरकार ने एंटी पेपर लीक कानून लागू कर दिया है। इसके अनुसार, पेपर लीक या आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करने पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने लोक परीक्षा कानून 2024 को 5 फरवरी को लोकसभा में पेश किया, जो 6 फरवरी को पास हुआ और 9 फरवरी को राज्यसभा से भी पारित हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 13 फरवरी को इसे मंजूरी दी। इसके बाद 21 जून से इसे देशभर में लागू कर दिया गया। इस कानून के तहत यूपीएससी, एसएससी, जेईई, नीट, सीयूईटी, रेलवे, बैंकिंग भर्ती परीक्षाएं और एनटीए द्वारा आयोजित सभी परीक्षाएं शामिल होंगी। पेपर लीक करने या अनुचित साधन का उपयोग करने पर तीन साल की सजा और 10 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। परीक्षा संचालन के लिए नियुक्त सर्विस प्रोवाइडर दोषी पाए जाने पर एक करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
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