नई पटरियां ट्रेन संचालन को आसान बनाएंगी, भीड़भाड़ को कम करेंगी और व्यस्त मुंबई-प्रयागराज मार्ग पर आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगी। बता दें कि तीन राज्यों यानी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी।
मोदी कैबिनेट का बड़ा फैसला : यूपी में 84 किलोमीटर रेललाइन को मंजूरी, प्रयागराज-इरादतगंज-मानिकपुर के बीच तीसरा ट्रैक बनेगा
Nov 25, 2024 23:53
Nov 25, 2024 23:53
मोदी जी के नेतृत्व में आज केंद्रीय कैबिनेट ने ₹7,927 करोड़ की लागत से 3 नए मल्टी ट्रैकिंग रेलवे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी देकर विकास और विरासत के संगम की दिशा में मजबूत क़दम बढ़ाया है।
— Amit Shah (@AmitShah) November 25, 2024
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के 7 जिलों में कनेक्टिविटी को विस्तार देकर त्रयम्बकेश्वर,… pic.twitter.com/cgXQhlufS4
सीएम योगी ने जताया आभार
मोदी कैबिनेट के फैसले पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने आभार जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि प्रधानमंत्री @narendramodi जी के नेतृत्व में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में तीन रेलवे मल्टीट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिसमें ₹7,927 करोड़ का निवेश होगा। इन परियोजनाओं से कनेक्टिविटी बढ़ेगी, लॉजिस्टिक्स लागत कम होगी और रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उत्तर प्रदेश में प्रयागराज-मानिकपुर रेलवे परियोजना से लाखों लोगों को लाभ होगा, जिससे प्रयागराज, चित्रकूट और वाराणसी जैसे प्रमुख धार्मिक और पर्यटन स्थलों तक पहुंच में सुधार होगा और स्थानीय विकास को बढ़ावा मिलेगा। 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में यह बड़ा कदम उठाने के लिए प्रधानमंत्री जी को धन्यवाद!
The Union Cabinet, led by Hon. PM Shri @narendramodi Ji, has approved three railway multitracking projects across Maharashtra, Madhya Pradesh, and UP, with an investment of ₹7,927 crore. These projects will enhance connectivity, reduce logistics costs, and generate employment…
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) November 25, 2024
इन परियोजनाओं को मिली मंजूरी
- जलगांव-मनमाड चौथी लाइन (160 किमी)
- भुसावल-खंडवा तीसरी और चौथी लाइन (131 किमी)
- प्रयागराज (इरादतगंज)-मानिकपुर तीसरी लाइन (84 किमी)
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, नई पटरियां ट्रेन संचालन को आसान बनाएंगी, भीड़भाड़ को कम करेंगी और व्यस्त मुंबई-प्रयागराज मार्ग पर आवश्यक बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगी। बता दें कि तीन राज्यों यानी महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के सात जिलों को कवर करने वाली तीन परियोजनाएं भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क को लगभग 639 किलोमीटर तक बढ़ा देंगी। प्रस्तावित मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं दो आकांक्षी जिलों (खंडवा और चित्रकूट) तक कनेक्टिविटी बढ़ाएंगी, जो लगभग 1,319 गांवों और लगभग 38 लाख आबादी को सेवा प्रदान करेंगी। मुंबई-प्रयागराज-वाराणसी मार्ग पर बेहतर कनेक्टिविटी से अधिक यात्री ट्रेनें चलेंगी, जिससे नासिक (त्र्यंबकेश्वर), खंडवा (ओंकारेश्वर), वाराणसी (काशी विश्वनाथ) और प्रयागराज, चित्रकूट और शिरडी में अन्य धार्मिक स्थलों पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को लाभ होगा।
बयान में कहा गया है कि पर्यटकों को अजंता और एलोरा की गुफाओं, खजुराहो और अन्य विरासत स्थलों जैसे स्थलों तक आसानी से पहुंच मिलेगी। इसके अलावा, ये परियोजनाएं कृषि उत्पादों, कोयला, इस्पात और सीमेंट जैसे सामानों के परिवहन के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रति वर्ष 51 मिलियन टन की अनुमानित अतिरिक्त माल ढुलाई क्षमता के साथ, इनसे रसद लागत कम होने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। पर्यावरण के अनुकूल रेल परियोजनाओं से सालाना 271 करोड़ किलोग्राम CO2 उत्सर्जन कम होगा - जो 11 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। ये परियोजनाएं आर्थिक विकास को बढ़ावा देते हुए भारत के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
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