मौलाना ने कहा कि देश को विदेशियों के कब्जे से आजाद कराने में मुजाहिदीन-ए-आजादी की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता। हमें चाहिए कि उन्हें याद रखें। आज यह मुकाबला उनको याद करने की कोशिश है। देश की आजादी की हिफाजत नौजवानों की जिम्मेदारी है।
Independence Day-2024 : मदरसे के बच्चों ने भरे देश भक्ति के रंग, दारुल उलूम में हुआ पेंटिंग कंपटीशन
Aug 14, 2024 00:05
Aug 14, 2024 00:05
मौलाना खालिद रशीद भी रहे मौजूद
दारुल उलूम फरंगी महल के सरपरस्त मौलाना खालिद रशीद ने बताया कि आज इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के अंतर्गत दारूल उलूम फरंगी महल में देश की आजादी के प्रोग्राम के सिलसिले में विद्यार्थियों के बीच राष्ट्रीय ध्वज पेटिंग मुकाबले और जंग-ए-आजादी क्विज मुकाबले हुए। इस अवसर पर मौलाना ने कहा कि देश को विदेशियों के कब्जे से आजाद कराने में मुजाहिदीन-ए-आजादी की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता। हमें चाहिए कि उन्हें याद रखें। आज यह मुकाबला उनको याद करने की कोशिश है। देश की आजादी की हिफाजत नौजवानों की जिम्मेदारी है। इस प्रकार के प्रोग्रामों का उद्देश्य नई पीढ़ी और विद्यार्थियों को अपने बुजुर्गों के कार्यनामों से अवगत कराना है।
महात्मा गांधी ने फरंगी महल में बनाई थी योजना
मौलाना ने कहा कि मदरसों ने स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम रोल अदा किया। अंग्रेजों ने जब 'लड़ाओ' और हुकूमत करो की रणनीति अपनाते हुए हिंदू मुस्लिम को आपस में लड़ाने की नापाक कोशिश की तो उलमा-ए-फरंगी महल ने हिंदू मुस्लिम एकता का नारा दिया और महात्मा गांधी ने फरंगी महल आकर अंग्रेजों से देश को आजादी दिलाने के लिए योजना बनाई।
मुकाबले में जीतने वालों को किया गया सम्मानित
इन मुकाबलों में दारूल उलूम के विद्यार्थियों ने बड़े जोश के साथ हिस्सा लिया। उन्होंने जंग-ए-आजादी से सम्बंधित प्रश्नों के उत्तर बड़े अच्छे अंदाज में दिये। राष्ट्रीय ध्वज पेन्टिंग मुकाबले में सीनियर ग्रुप से पहला पुरस्कार मो. जुलकरनैन, दूसरा पुरस्कार मो. इस्माईल, तीसरा पुरस्कार मो. हसनैन और चौथा पुरस्कार अनस मतीन और जूनियर ग्रुप में पहला पुरस्कार मो. अहमद, दूसरा पुरस्कार मो. इलयास, तीसरा पुरस्कार मो. अयान और चौथा पुरस्कार रिदा फातिमा को प्राप्त हुआ।
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