भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह मृदुभाषी और सरल स्वभाव वाले व्यक्तित्व के धनी थे। लेकिन 2014 में पीएम के रूप में उनकी एक यात्रा ने यहां के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दिलों में एक खास स्थान बना लिया।
Lucknow News : मनमोहन सिंह की लखनऊ यात्रा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के दिल में बसी, मृदुभाषी-सरल स्वभाव के सभी कायल
Dec 27, 2024 14:57
Dec 27, 2024 14:57
कर्मचारियों के हित में लिए बड़े फैसले
राजाजीपुरम के वरिष्ठ कांग्रेस नेता बलदेव सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि उनका कार्यकाल ऐतिहासिक था। उन्होंने कर्मचारियों के लिए सातवें वेतन आयोग को लागू किया, जिससे देश भर के कर्मचारियों को लाभ हुआ। डॉ. मनमोहन सिंह के किए गए कार्यों की वजह से आज भी कर्मचारी उनकी सराहना करते हैं।
पूर्व सांसद ने पुरानी यादें की साझा
पूर्व सांसद राजा राम पाल ने भी डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी पुरानी यादों को साझा किया। उन्होंने बताया कि 2009 में श्रीप्रकाश जायसवाल के लिए कानपुर में एक रैली आयोजित करते समय उनकी मुलाकात डॉ. मनमोहन सिंह से हुई थी। उनके विनम्र और शालीन स्वभाव ने उन्हें प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि मोनमोहन सिंह का संगठन के प्रति स्नेह और समर्पण कभी न भूलने वाला था।
सिख समुदाय ने व्यक्त की शोक संवेदना
लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि वह सिख समाज के गौरव थे। उन्होंने बताया कि 2004 में प्रधानमंत्री बनने के बाद, गुरुद्वारा नाका हिंडोला में विशेष पाठ आयोजित किया गया था। उनकी नीले रंग की पगड़ी एक पहचान बन गई थी। राजेंद्र सिंह ने कहा कि उनका निधन सिख समाज और देश दोनों के लिए बड़ी क्षति है, क्योंकि एक महान अर्थशास्त्री हमसे विदा हो गए।
जाति-धर्म से ऊपर उठकर किए फैसले
गुरुद्वारा आशियाना अध्यक्ष जगपाल सिंह वोहरा ने कहा कि प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह देश के पहले प्रधानमंत्री थे, जिन्होंने जाति और धर्म से ऊपर उठकर फैसले किए। उन पर कभी भी किसी प्रकार का आरोप नहीं लगा। हालांकि उनका सिख समाज से गहरा जुड़ाव था, लेकिन उनके निर्णय हमेशा सामूहिक रूप से और देश के सर्वोत्तम हित में होते थे।
आर्थिक क्षेत्र से जुड़े लोगों ने याद किया योगदान
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, लखनऊ चैप्टर के पूर्व अध्यक्ष मनीष गोयल ने कहा कि वित्त मंत्री के रूप में डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान अतुलनीय था। आधुनिक भारत के निर्माण में उनकी भूमिका अविस्मरणीय है। देश के विकास के लिए उन्होंने जो आर्थिक नीतियां बनाई, उससे भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा और गति मिली। उनके जैसे वित्त मंत्री का होना देश के लिए एक अभूतपूर्व अवसर था।
लखनऊ विश्वविद्यालय आए थे मनमोहन सिंह
अर्थशास्त्री प्रो. एमके अग्रवाल नई दिल्ली में 1986 में आयोजित वर्ल्ड इकोनॉमी कांग्रेस में डॉ. मनमोहन सिंह से मेरी मुलाकात हुई थी। वह लखनऊ विश्वविद्यालय भी आए थे। उनकी आर्थिक नीतियां सरकार के केंद्रीय दृष्टिकोण पर आधारित थीं और उन्होंने हमेशा सरकार के हित में काम किया।
यूपी में भी एक जनवरी तक राजकीय शोक घोषित
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर यूपी सरकार ने भी एक जनवरी तक राज्य में राजकीय शोक घोषित किया है। सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव जितेंद्र कुमार ने शुक्रवार को इस सम्बन्ध में सभी अपर मुख्य सचिव, मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को पत्र भेजा है। इसमें कहा है कि दिवंगत आत्मा के सम्मान में 26 दिसम्बर 2024 से एक जनवरी 2025 तक राजकीय शोक रहेगा। इस अवधि में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और कोई अधिकारिक समारोह नहीं होगा।
92 वर्ष की आयु में निधन
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। घर पर बेहोश होने के बाद उन्हें दिल्ली के ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) अस्पताल लाया गया था। जहां उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली।
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