Sep 12, 2024 02:19
https://uttarpradeshtimes.com/lucknow/milk-price-should-be-paid-to-farmers-within-month-parag-to-strengthen-its-distribution-dharampal-singh-38653.html
Lucknow News : दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बुधवार को पीसीडीएफ कार्यालय में प्रदेश के सभी 19 दुग्ध संघों और पीसीडीएफ इकाईयों की समीक्षा की। बैठक में मंत्री धर्मपाल ने दुग्ध संघों के महाप्रबंधकों को निर्देश दिए कि किसानों को दुग्ध मूल्य का भुगतान एक महीने के अंतराल पर प्रत्येक स्थिति में प्राथमिकता के आधार पर किया जाए। ।
पराग मिल्क बूथों की संख्या बढ़ाने का निर्देश
मंत्री धर्मपाल सिंह ने दुग्ध संघों द्वारा सुनियोजित प्रबंधन कार्य करते हुए अन्य खर्चों में कटौती की जाए और मितव्ययिता के दृष्टिगत सौर ऊर्जा का उपयोग इकाई के संचालन हेतु किया जाए। उन्होंने कहा कि पराग द्वारा डिस्ट्रीब्यूशन चैनल को मजबूत किया जाए और पराग मिल्क बूथों की संख्या बढ़ाई जाए। बूथ ऐसी जगह स्थापित किये जाए जहां पराग के उत्पाद सर्व सुलभ हो सके। माकेर्टिंग स्ट्रेटीजी पर विशेष ध्यान दिया जाए।
काम में शिथिलता बरतने वालों का रुकेगा वेतन
समीक्षा बैठक में धर्मपाल ने अधिकारियों को निर्दिष्ट कार्यों को समय से पूरा न करने और कार्यों में अपेक्षित परिणाम न देने पर वेतन रोकने की कड़ी चेतावनी दी। बैठक में दुग्ध विकास विभाग द्वारा बकाया दुग्ध मूल्य भुगतान एक माह में किये जाने के अनुपालन के संबंध में बताया गया कि 22 अगस्त से 8 सितम्बर तक दुग्ध संघों द्वारा 1628.48 लाख रूपये का भुगतान किया गया। जिसपर मंत्री ने कहा कि सभी दुग्ध संघों को शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करने का हरसंभव प्रयास करें और वर्तमान माह की देयता पूरी करते हुए पुराने बकाये की धनराशि भी चरणबद्ध रूप से देना सुनिश्चित करें।
डीबीटी प्रक्रिया से किसानों को भुगतान के निर्देश
दुग्ध विकास मंत्री ने जनपद वाराणसी, अयोध्या, लखनऊ, बरेली दुग्ध संघों द्वारा भुगतान में बेहतर प्रदर्शन के लिए उनकी प्रशंसा की और कहा कि वाराणसी दुग्ध संघ की भांति सभी दुग्ध संघ एनडीडीबी से सहयोग और समन्वय स्थापित करें और अपने कार्यों में सुधार लाये। मंत्री ने महाप्रबंधकों को निर्देश दिये कि दुग्ध किसानों के खाते आवश्यक रूप से खुलवाये जाए। किसानों को भुगतान डीबीटी प्रक्रिया द्वारा ही किया जाए और समिति के सदस्यों की डाटा फीडिंग करवाई जाए। इसी के साथ मंत्री ने जनपद चित्रकूट, झांसी, गोरखपुर और कानपुर के महाप्रबंधकों को दुग्ध समितियों के गठन की धीमी प्रगति पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए समिति को अतिशीघ्र सक्रिय करने के निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पशुपालकों, किसानों को उन्नत नस्ल की गाय, भैंसे पालने, स्वास्थ्य तथा गुणवत्तायुक्त पौष्टिक चारे के बारे में जागरूक करने को भी कहा। उन्होंने दुग्ध समितियों के प्रभावी गठन, पुनर्गठन, उनसे दुग्ध उपार्जन व प्रक्रिया उपरान्त उपभोक्ताओं को निरंतर दुग्ध एवं दुग्ध आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।