पल्लवी पटेल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि प्राविधिक शिक्षा के छात्रों और शिक्षकों के हितों के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार न केवल विभाग की छवि खराब करता है, बल्कि छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।
राजभवन पहुंचा आशीष पटेल का मामला : विधायक पल्लवी पटेल ने राज्यपाल से की मुलाकात, SIT गठित कर जांच की मांग
Jan 01, 2025 13:43
Jan 01, 2025 13:43
राजभवन में की गई शिकायत
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से मुलाकात के दौरान पल्लवी पटेल ने विभागीय भ्रष्टाचार और अनियमितताओं से जुड़ा एक पत्र सौंपा। इस पत्र में उन्होंने प्राविधिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचारयुक्त मामलों की जांच की मांग की। पल्लवी पटेल ने आरोप लगाया कि विभागाध्यक्ष के पद को लोक सेवा आयोग के माध्यम से भरे जाने के बजाय डीपीसी (DPC) के जरिए अनियमित रूप से भरा गया है।
पत्र में लगाए गंभीर आरोप
पल्लवी पटेल ने अपने पत्र में स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया न केवल नियमों का उल्लंघन है बल्कि प्राविधिक शिक्षा के छात्रों और शिक्षकों के हितों के लिए भी हानिकारक है। उन्होंने कहा कि यह भ्रष्टाचार न केवल विभाग की छवि खराब करता है, बल्कि छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है। ऐसे में दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई आवश्यक है।
एसआईटी से जांच कराने की मांग
पल्लवी पटेल ने राज्यपाल से आग्रह किया कि मामले की गहराई से जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। उन्होंने कहा कि दोषियों को सख्त सजा देकर 9 दिसंबर, 2024 को जारी शासनादेश को तत्काल निरस्त किया जाए। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगर समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो विभागीय अनियमितताओं का प्रभाव व्यापक होगा।
पल्लवी पटेल लंबे समय से हैं हमलावर
पल्लवी पटेल ने इससे पहले आरोप लगाया विभाग में पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों का हक मारा गया और रिश्वत लेकर प्रमोशन दिया गया। प्रदेश में 250 से अधिक प्रवक्ताओं को 25-25 लाख रुपये लेकर एचओडी बनाने का भी उन्होंने आरोप लगाया। विधायक ने कहा कि यह नियुक्तियां आरक्षण के नियमों का उल्लंघन कर की गईं और दलितों एवं पिछड़ों के साथ अन्याय हुआ है। आशीष पटेल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल के पति हैं, जो पल्लवी की बहन हैं। ऐसे में जीजा साली की इस लड़ाई से यूपी का सियासी पारा गरमा गया था।
भ्रष्टाचार के आरोपों से गहराया विवाद
यह मामला उत्तर प्रदेश सरकार के लिए नई चुनौती बनता दिख रहा है। आशीष पटेल पर लगे इन आरोपों ने उनके राजनीतिक करियर पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर आक्रामक रुख अपना लिया है और सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कर रही है। पल्लवी पटेल विधानसभा सत्र के दौरान भी इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताते हुए धरना दे चुकी हैं। वहीं आजाद अधिकार सेना के प्रमुख अमिताभ ठाकुर ने भी मामले में लोकायुक्त में शिकायत की है।
आशीष पटेल : ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलने से किए जा रहे हमले
इससे पहले आशीष पटेल ने मंगलवार को अपने पर लगे आरोपों पर एक बार फिर सफाई दी। उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे सामाजिक न्याय की आवाज को कुचलने का खेल जारी है। वास्तव में पदोन्नति के इस मामले में कुछ लोगों के कलेजे में कांटा लगने का कारण उन ओबीसी और वंचित वर्ग को लाभ मिलना है, जिनके अधिकारों की सालों से हकमारी की जा रही थी। उन्होंने अपनी पोस्ट के साथ पदोन्नति की सूची भी सार्वजनिक की और कहा कि संलग्न पदोन्नति की वर्गवार सूची देखेंगे तो इसका अंदाजा हो जाएगा। ऐसे लोगों को मैं बताना चाहता हूं कि इनके कलेजे में भविष्य में भी कांटा चुभता रहेगा। वह इसलिए कि इन झूठे तथ्यों, अफवाहों और मीडिया ट्रायल से अपना दल (एस) की सामाजिक न्याय की लड़ाई बंद नहीं होने वाली। हम अब पहले से भी अधिक शक्ति के साथ सामाजिक न्याय की आवाज बुलंद करते रहेंगे।
षड्यंत्र, दुर्घटना होने पर एसटीएफ की होगी जिम्मेदारी
मंत्री ने कहा कि उन्होंने पहले भी कहा है कि लौहपुरुष सरदार पटेल का वंशज आशीष पटेल डरने वालों में नहीं बल्कि लड़ने वालों में से है। अपने शुभचिंतकों के लिए एक विशेष बात कि यदि सामाजिक न्याय की इस जंग में मेरे साथ किसी प्रकार का षड्यंत्र, दुर्घटना हुई तो इसकी सारी जिम्मेदारी उत्तर प्रदेश पुलिस के स्पेशल टास्क फोर्स की होगी।
अमिताभ ठाकुर का सीबीआई जांच की मांग का समर्थन
इस बीच आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने आशीष पटेल के अपने पर लगे आरोपों की सीबीआई जांच की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने मंगलवार को कहा कि 177 विभागाध्यक्षों की प्रोन्नति तथा 571 डी फार्मा कॉलेज को गलत ढंग से मान्यता दिए जाने की उनकी लोकायुक्त शिकायत के बाद मंत्री ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जो सीबीआई जांच की मांग की है, उसका वह पूर्ण समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे मौजूदा सरकार में व्यापक भ्रष्टाचार के तथ्य स्वतः ही सामने आ जाएंगे।
लोकायुक्त में की गई शिकायत
अमिताभ ठाकुर ने आशीष पटेल के खिलाफ लोकायुक्त, उत्तर प्रदेश के समक्ष शिकायत की है। इसमें उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश प्राविधिक शिक्षा अध्यापन सेवा नियमावली 2021 बनाई है। इसके नियम 5 में विभागाध्यक्ष पद के लिए शत प्रतिशत नियुक्ति उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के जरिए ही सीधी भर्ती की बात कही गई है। साथ ही बीटेक और एमटेक अध्यापकों के लिए 15 वर्षों का अनुभव अनिवार्य है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि इसके विपरीत 9 दिसंबर 2024 को 177 अध्यापकों को विभागाध्यक्ष पद पर प्रोन्नति दिए जाने में इन दोनों नियमों का पूर्ण उल्लंघन की बात सामने आई है।
यूपी सरकार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद डी फार्मा कॉलेजों का भौतिक परीक्षण किए जाने पर पाया गया कि 531 कॉलेजों को अनापत्ति प्रमाण पत्र मना किए जाने के बाद भी मान्यता दी गई। इनमें 94 कॉलेज में किसी अन्य विषय के शिक्षण कार्य हो रहे हैं, जबकि 19 मामलों में भूमि और भवन तक नहीं पाए गए। इस संबंध में राज्य सरकार ने हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एचबीटीयू) कानपुर के कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसर रघुराज सिंह के अधीन तीन सदस्य जांच समिति बनाई। समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है। अमिताभ ठाकुर ने कहा कि उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार इन दोनों मामलों में मंत्री आशीष पटेल की प्रमुख भूमिका बताई जाती है। उन्होंने पूर्व में इस संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार को शिकायत भेजी थी। लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं होने पर लोकायुक्त को शिकायत की है।
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