Muharram-2024 : लखनऊ में पहली मोहर्रम को निकला शाही जरी का जुलूस, जमीन से आसमान तक रहा कड़ा पहरा

लखनऊ में पहली मोहर्रम को निकला शाही जरी का जुलूस, जमीन से आसमान तक रहा कड़ा पहरा
UPT | शाही जरी का जुलूस

Jul 08, 2024 21:34

सोमवार देर शाम बड़े इमामबाड़े से शाही जरी का जुलूस अपने परंपरागत अंदाज में बड़े इमामबाड़े से निकलकर छोटे इमामबाड़े पहुंचा। जुलूस का नेतृत्व कर रहे नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने इस दौरान बताया कि यह जुलूस की शुरुआत अवध के नवें नवाब किंग मोहम्मद अली शाह ने की थी।

Jul 08, 2024 21:34

Lucknow News : मोहर्रम महीने की शुरुआत होते ही अजादारी का केंद्र कहे जाने वाले लखनऊ में जुलूस का भी सिलसिला शुरू हो गया। पहली मोहर्रम पर सोमवार देर शाम को अपने रिवायती अंदाज में बड़े इमामबाड़े से शाही जरी का जुलूस निकाला गया। जुलूस में बड़ी संख्या में ऊंट, घोड़े, हाथियों के साथ मातमी धुन बजाते बैंड, नवाबी दौर की अपनी पहचान याद दिलाते नजर आए। 

छोटे इमामबाड़े पर सम्पन्न होता है जुलूस
प्रशासन द्वारा तय समय के अनुसार हर साल पहली मोहर्रम का जुलूस नवाब असीफुद्दौला द्वारा बनाए गए बड़ा इमामबाड़े से निकलकर छोटे इमामबाड़े पर सम्पन्न होता है। सोमवार देर शाम बड़े इमामबाड़े से शाही जरी का जुलूस अपने परंपरागत अंदाज में बड़े इमामबाड़े से निकलकर छोटे इमामबाड़े पहुंचा। जुलूस का नेतृत्व कर रहे नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने इस दौरान बताया कि यह जुलूस की शुरुआत अवध के नवें नवाब किंग मोहम्मद अली शाह ने की थी। उन्होंने बताया कि पहली मोहर्रम के जुलूस की शुरुआत इस अंदाज में इसलिए होती है, क्योंकि किंग मोहम्मद अली शाह ने सोचा था कि इमाम हुसैन का अगर जुलूस निकलेगा तो उसकी किस तरह की शान-ओ-शौकत होगी। उसी शान-ओ-शौकत को दिखाने के लिए नवाबी अंदाज में यह जुलूस निकाला जाता है। नवाब मसूद अब्दुल्लाह ने बताया कि किंग मोहम्मद अली शाह ने इस जुलूस की सन 1839 में शुरुआत की और मोम की जरी को शाही अंदाज में निकाला। उन्होंने कहा कि आज भी वही रिवायत हुसैनाबाद ट्रस्ट ने कायम रखी है और उसी अंदाज में यह जुलूस निकाला जाता है।

जमीन से आसमान तक रहा कड़ा पहरा 
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मोहर्रम और कांवड़ यात्रा के एक साथ होने के चलते अधिकारियों को दिए निर्देश के क्रम में पुलिस भी इस मौके पर मुस्तैद नजर आई। हर तरह की अनहोनी से निपटने के लिए जमीन से आसमान तक पुलिस और प्रशासन का कड़ा पहरा दिखा। जुलूस के रास्तों पर जहां सीसीटीवी कैमरों से निगरानी होती रही वहीं आसमान से ड्रोन भी जुलूस और लोगों पर तीसरी आंख गड़ाए रहा। यूपी पुलिस के साथ पीएसी, आरएएफ और आरआरएफ की टुकड़ियों के साथ सिविल डिफेंस के भी लोग मौजूद रहे। पुलिस प्रशासन के आलाधिकारी जुलूस की मॉनिटरिंग करते रहे और सादी वर्दी में लोकल इंटेलजाइंस यूनिट भी एक्टिव रही। 

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